
नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल ने बुधवार को मुगल बादशाह शाहजहां के पुत्र और विचारक दारा शिकोह पर आयोजित एक कार्यक्रम में उनकी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि दारा शिकोह सच्चा हिन्दुस्तानी था। अगर वह भारत में शासन करता तो आज भी इस्लाम धर्म बरकार रहता और दूसरे समुदाय के लोग इसे बेहतर तरीके से समझ पाते।
साथ ही उन्होंने इस कार्यक्रम के दौरान देश में सभी धर्मों के बीच समन्वय की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि, भारत में 600 साल तक शासन करने वाले मुस्लिम समुदाय, जिसकी जनसंख्या आज 16-17 करोड़ है। वह समाज भयभीत क्यों है, जबकि कुछ लाख एवं हजार की आबादी वाले जैन, बौद्ध, यहूदी और पारसी धर्म के लोग भयभीत नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई भय है तो उसे दूर करने के लिए चर्चा करनी चाहिए। गोपाल ने यह भी कहा कि भारत में यह कोई नहीं चाहेगा कि कोई मुस्लिम दुखी रहें क्योंकि भारत की परंपरा सर्वे भवंतु सुखिन:.. की है।
भारत कभी विभाजनकारी सोच नहीं रखा
गोपाल ने कहा कि भारत की विरासत को कोई समझता था, तो वह दारा शिकोह ही था। क्योंकि भारत कभी भी विभाजनकारी सोच नहीं रखा। भारत सबको साथ लेकर चलने में भरोसा रखता है। इस बात को दारा भली भांति समझता था, लेकिन वहीं उसके भाई औरंगजेब को इससे डर लगता था।
असहिष्णुता के कारण दारा के नाम पर सड़क नहीं बनी
दारा के कार्यक्रम के मौके पर डॉ. कृष्ण गोपाल के अलावा केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी भी मौजूद थे। नकबी ने कहां कि दारा इतिहासकारों की असहिष्णुता के शिकार हो गए। इतिहासकारों ने दारा को इस्लाम विरोधी के तौर पर पेश किया, जिस वजह से उनके नाम पर न तो कोई सड़क बनीं और न ही कोई स्मारक। लेकिन वहीं क्रूरता के प्रतीक औरंगजेब के नाम पर कई सड़के पहले से ही है।