
नई दिल्लीः पांच महीने की तीरा कामत का मुंबई के एक अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है। उनके माता पिता- प्रियंका कामत और मिहिर कामत के अनुसार, उनकी बच्ची को स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) नाम की बीमारी है। यह बीमारी ऐसी है कि जिसका इलाज Zolgensma नाम के एक खास इंजेक्शन से ही संभव है। इसे अमेरिका से मंगाना पड़ता है और इससे इलाज का खर्च करीब 16 करोड़ रुपये बैठता है। वह भी बिना टैक्स के। इसमें इम्पोर्ट ड्यूटी और टैक्स जुड़ जाए तो कीमत 22 करोड़ रुपये तक पहुंच जाती है। किसी मध्यमवर्गीय परिवार के लिए इस बीमारी का इलाज करा पाना संभव नहीं। ऐसे में मिहिर और प्रियंका ने क्राउडफंडिंग के जरिए यह रकम जुटाने की सोची। सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने करीब 15 करोड़ रुपये जुटा लिए हैं।
करोड़ों की दवा पर लगता है 35% टैक्स
मिहिर और प्रियंका ने सोशल मीडिया पर अपील में लिखा कि दवाओं पर 23% इम्पोर्ट ड्यूटी और 12% जीएसटी लगता है जो इलाज के खर्च को और बढ़ा देता है। उन्होंने कहा कि दवा को भारत लाने में काफी सारा पेपरवर्क करना पड़ता है जिसमें करीब एक महीने का वक्त लग जाता है। इन सबके बीच तीरा जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है।
पैरंट्स ने जनवरी में की थी अपील
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पीएमओ ने सुन ली टैक्स माफ करने की गुहार
तीरा के पैरंट्स की अपील पर महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी। फडणवीस ने केंद्र से इम्पोर्ट ड्यूटी और जीएसटी माफ करने को कहा। केंद्र ने यह दरख्वास्त मान ली और करीब छह करोड़ रुपये का टैक्स माफ कर दिया। फडणवीस ने मंगलवार को प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर शुक्रिया अदा किया है।