‘पीएम आवास योजना के तहत ज्यादातर घरों का मालिकाना हक महिलाओं को मिला’

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लखनऊ पहुंचकर आजादी @75 कार्यक्रम के तहत न्यू अर्बन इंडिया, ट्रांसफॉर्मिंग अर्बन लैंडस्केप सम्मेलन-सह-एक्सपो का उद्घाटन किया। साथ ही उन्होंने 4 हजार करोड़ से ज्यादा की 75 योजनाओं का शिलान्यास भी किया। मोदी ने मंच से लोगों को संबोधित भी किया। उन्होंने कहा कि ये मुझे खुशी है कि तीन दिनों तक लखनऊ में न्यू अर्बन इंडिया के तहत देशभर के विशेषज्ञ इकट्ठा होकर मंथन करने वाले हैं। यहां जो प्रदर्शनी लगी है, वो आजादी के इस अमृत महोत्सव में 75 साल की उपलब्धियां और देश के नए संकल्पों को भलीभांति प्रदर्शित करती हैं। मोदी ने कहा कि रक्षा के कार्यक्रम में जो प्रदर्शन लगी उसे देखने के लिए लखनऊ ही नहीं पूरा यूपी पहुंचा था। मैं इस बार भी आग्रह करूंगा कि इस प्रदर्शनी को भी लोग जरूर देखे। मोदी ने कहा कि यूपी के शहरों के विकास से जुड़े 75 योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। आज भी यूपी के 75 जिलों में 75 हजार लाभार्थियों को उनके अपने पक्के घर के चाबी भी मिली हैं। ये सभी लोग इस साल दशहरा, दिवाली, ईद आने वाले त्योहर अपने नए घरों में मनाएंगे। देश में पीएम आवास योजना के तहत जो घर दिए जा रहे हैं उनमें 80 फीसदी से ज्यादा घरों का मालिकाना हक महिलाओं को दिया गया है। मोदी ने कहा कि 2014 के बाद हमारी सरकार ने घरों के साइज को लेकर भी स्पष्ट नीति बनाई, हमने ये तय किया कि 22 स्क्वायर मीटर से छोटा कोई घर नहीं बनेगा। हमने घर का साइज बढ़ाने के साथ ही पैसा सीधे लाभार्थियों के खाते में भेजना शुरू किया। हमने घरों के डिजाइन से लेकर घरों के निर्माण तक की पूरी आजादी लाभार्थियों को सौंप दी है। 2014 के पहले सरकारी योजनाओं के घर किस साइज के बनेंगे इसकी कोई स्पष्ट नीति ही नहीं थी। उन्होंने आगे कहा कि शहरी मिडिल क्लास की परेशानियों और चुनौतियों को भी दूर करने का हमारी सरकार ने बहुत गंभीर प्रयास किए हैं। Real Estate Regulatory Authority यानि रेरा कानून ऐसा एक बड़ा कदम रहा है। इस बार दीपावली में अयोध्या में 7.50 लाख दीये जलाने का कार्यक्रम है। मैं उत्तर प्रदेश को कहता हूं कि रोशनी के लिए स्पर्धा में मैदान में आएं। देखें अयोध्या ज्यादा दीये जलाता है कि ये जो 9 लाख घर दिए गए हैं, वो 9 लाख घर 18 लाख दीये जलाकर दिखाते हैं। एलईडी स्ट्रीट लाइट लगने से शहरी निकायों के भी हर साल करीब 1 हजार करोड़ रुपये बच रहे हैं। अब ये राशि विकास के दूसरे कार्यों में उपयोग में लाई जा रही है। एलईडी ने शहर में रहने वाले लोगों का बिजली बिल भी बहुत कम किया है।

 

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