
कोलकाताः कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट ने भारत में भी दस्तक दे दी है। हेल्थ मिनिस्ट्री ने गुरुवार दोपहर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलासा किया कि ओमिक्रॉन के दो केस कर्नाटक में मिले हैं। अब तक 29 देशों में फैल चुके नए वैरिएंट्स पर एक्सपर्ट्स का कहना है कि ओमिक्रॉन पर वैक्सीनेशन या पहले हुए कोरोना से पैदा होने वाली इम्यूनिटी का भी असर नहीं पड़ता। डब्लयूएचओ का कहना है कि अभी तक किसी तरह के खास लक्षण सामने नहीं आए हैं, लेकिन इस वैरिएंट को सबसे पहले पहचानने वाली दक्षिण अफ्रीका की डॉ. एंजेलिक कोएट्जी के मुताबिक, ओमिक्रॉन के “असामान्य, लेकिन हल्के” लक्षण देखे जा रहे हैं। डॉ. एंजेलिक का कहना है कि ओमिक्रॉन के लक्षण डेल्टा से अलग हैं। कोरोना के दूसरे वैरिएंट से इन्फेक्ट होने पर स्वाद और सूंघने की क्षमता पर असर पड़ता था, लेकिन ओमिक्रॉन के मरीजों में ये लक्षण नहीं देखा जा रहा है। साथ ही गले में खराश तो रहती है, लेकिन कफ की शिकायत देखने को नहीं मिल रही है।
जानिए कितना खतरनाक है ओमिक्रॉन और इसके लक्षण। किसी भी तरह के लक्षण दिखने पर ये सावधानियां बरतें….
- क्या हैं ओमिक्रॉन वैरिएंट के लक्षण- ओमिक्रॉन को कोरोनावायरस के सभी वैरियंट्स में सबसे ज्यादा संक्रामक बताया जा रहा है। ओमिक्रॉन को लेकर जुटाए गए शुरुआती डेटा के मुताबिक, ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित मरीजों को बहुत अधिक थकान, गले में खराश, मांशपेशियों में दर्द जैसी समस्याएं आती हैं।
- इस वैरिएंट के लक्षण डेल्टा वैरिएंट से अलग हैं। ओमिक्रॉन से संक्रमित व्यक्ति के स्वाद और गंध की क्षमता में कोई बदलाव नहीं देखा गया है। ओमिक्रॉन का पता लगाने वाली दक्षिण अफ्रीका की डॉक्टर ने बताया कि फिलहाल मरीजों में हल्के लक्षण ही देखे जा रहे हैं। इस वैरिएंट से संक्रमित लोग गंभीर रूप से बीमार नहीं पड़े हैं।
ओमिक्रॉन पर क्या कहना है WHO का? - विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ओमिक्रॉन को ‘वैरिएंट ऑफ कंसर्न’ (चिंताजनक) की कैटिगरी में डाला है।ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर अभी कुछ भी सही तरीके से स्पष्ट नहीं है। हालांकि, प्रारंभिक साक्ष्य इस बात की संभावना को बढ़ाते हैं कि इस वैरिएंट में ऐसे म्यूटेशन हैं जो इम्यून सिस्टम रिस्पॉन्स से बच सकते हैं और एक से दूसरे व्यक्ति में इसे फैलाने की क्षमता को बढ़ा सकते हैं। इन म्यूटेशन के आधार पर कहा जा सकता है कि इसकी वजह से भविष्य में कोविड-19 के मामलों में उछाल आ सकता है। डब्लयूएचओ ने ये भी कहा है कि शुरुआती डेटा से ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि कोविड से संक्रमित हुए व्यक्ति भी इसकी चपेट में आ सकते हैं।
ओमिक्रॉन वैरिएंट से बचने के लिए रखें ये सावधानी- - ओमिक्रोन वैरिएंट से बचने के लिए अपना कोविड-19 की दोनों डोज जरूर लें
- सामाजिक दूरी का पालन करें और नियमित अंतराल पर हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें
- सार्वजनिक जगहों पर जाने से पहले मास्क का प्रयोग करें. जरूरी न हो तो यात्रा करने से बचें
- भीड़ वाले इलाकों में जाने से बचें. नियमित अंतराल पर हाथों को अच्छे से धोएं
- अगर आपको ओमिक्रोन वैरिएंट का कोई भी लक्षण नजर आए तो कोविड नियमों का पहले करते हुए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
- इसके अलावा, कुछ खास बातों को भी ध्यान रखने की आवश्यकता है. घर या ऑफिस के अंदर पर्याप्त वेंटीलेशन होना जरूरी है
- वायरस के ट्रांसमिशन की चेन तोड़ने के लिए वैरिएंट से संक्रमितों और उनके संपर्क में आए लोगों की पहचान करना भी बहुत जरूरी है