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सन्मार्ग संवाददाता
श्री विजयपुरम : भारत सरकार के बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय (एमओपीएसडब्ल्यू) के तहत सागरमाला कार्यक्रम की अनूठी और अभिनव परियोजनाओं की श्रेणी के तहत राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (एनएमएचसी) को भारत की समृद्ध और विविध समुद्री विरासत को प्रदर्शित करने के लिए तैयार किया गया है। यह परियोजना भारत सरकार द्वारा गुजरात के लोथल में विकसित की जा रही है। पैवेलियन राज्य प्रायोजित मंडप होंगे जो वास्तुकला, संस्कृति, जीवन शैली और समुद्री विरासत के संबंध में डिजाइन और थीम पर आधारित होगा।
इसमें निम्नलिखित चीजें प्रदर्शित की जाएंगी :
– तटीय पुरातात्विक स्थल और बंदरगाह शहर।
– कलाकृतियां, प्राचीन वस्तुएं जैसे मूर्तियां, टेराकोटा मूर्तियां, सिक्के, पेंटिंग्स, पांडुलिपियां आदि जो समृद्ध समुद्री परंपराओं को दर्शाती हैं।
– स्मारक / मंदिर / किले और गुफा स्थल, साथ ही मूर्तियां / शिलालेख।
– तट पर रहने वाले समुदाय, उनकी संस्कृति और परंपराएं।
– जहाज निर्माण की विरासत के साथ नाव निर्माण तकनीक।
– विदेशी राष्ट्रों के साथ प्रत्येक राज्य / केंद्र शासित प्रदेश का व्यापार, संस्कृति और धार्मिक संपर्क।
– मोती निर्माण, मिट्टी के बर्तन, वस्त्र, धातु कार्य आदि जैसे कला और शिल्प की निरंतरता का पता लगाना।
– किलों, तटवर्ती गतिविधियों, प्राचीन जहाजों की प्रतिकृतियां और त्योहारों / क्षेत्रीय समुद्री विरासत / संस्कृति / लोकगीत / भोजन आदि का जश्न मनाना।
बता दें कि अंडमान और निकोबार प्रशासन के मुख्य सचिव ने 19 दिसंबर को इस प्रस्ताव की समीक्षा की थी और निर्देश दिया था कि इस संबंध में उपलब्ध सभी प्रासंगिक जानकारी / सामग्री सचिव (कला और संस्कृति), अंडमान और निकोबार प्रशासन (ई-मेल आईडी: artand.culture@and.nic.in) को प्रदान की जा सकती है। अंडमान एवं निकोबार प्रशासन को गुजरात के लोथल स्थित अंडमान एवं निकोबार मंडप में अपनी समृद्ध एवं विविध समुद्री विरासत को प्रदर्शित करने में सक्षम बनाने के लिए आम जनता से सहयोग की अपेक्षा की जाती है।