

कोहिमा : नगालैंड विश्वविद्यालय के कोहिमा परिसर स्थित मेरीमा में संचालित स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (SET) ने हाल ही में एक अत्यंत प्रेरणादायक और जानकारीपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के अंग्रेज़ी विभाग के सेमिनार हॉल में आयोजित किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य छात्रों को भारतीय नौसेना में उपलब्ध करियर अवसरों से अवगत कराना और उन्हें प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट कमांडर बेजई मोसेस ने मुख्य वक्ता के रूप में भाग लिया। उन्होंने विद्यार्थियों को भारतीय नौसेना की कार्य प्रणाली, उसके विभिन्न तकनीकी और प्रशासनिक क्षेत्रों, तथा इंजीनियरिंग छात्रों के लिए उपलब्ध रोजगार अवसरों पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला।
उन्होंने बताया कि भारतीय नौसेना में बी.टेक डिग्रीधारी छात्रों के लिए कई प्रकार की शाखाएं हैं, जैसे कि :
कार्यकारी शाखा
तकनीकी शाखा
एविएशन और सबमरीन सेवा
इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एवं साइबर डोमेन
लेफ्टिनेंट कमांडर मोसेस ने छात्रों को नवीनतम तकनीकी कौशल सीखने, रोजाना अपडेट रहने और स्वयं को प्रतिस्पर्धी बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बताया कि नौसेना में न केवल एक सुरक्षित और सम्मानजनक भविष्य है, बल्कि यह देश सेवा का एक अनूठा अवसर भी प्रदान करता है।
सत्र के अंत में एक इंटरैक्टिव प्रश्नोत्तर खंड आयोजित किया गया, जिसमें छात्रों ने अपने मन में उठ रहे करियर संबंधित प्रश्न पूछे। लेफ्टिनेंट कमांडर मोसेस ने विस्तारपूर्वक उत्तर देते हुए छात्रों को उचित मार्गदर्शन प्रदान किया। उन्होंने नौसेना में भर्ती की प्रक्रिया, आवश्यक शारीरिक और मानसिक फिटनेस मानदंडों, और एसएसबी (सेवा चयन बोर्ड) इंटरव्यू की तैयारी से जुड़ी जानकारी साझा की।
एनयू-एसईटी की डीन प्रो. सुजाता दास ने इस अवसर पर एक संक्षिप्त लेकिन प्रेरणात्मक भाषण दिया। उन्होंने छात्रों को विविध कैरियर विकल्पों के लिए मानसिक रूप से तैयार रहने की सलाह दी और भारतीय नौसेना में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को एक प्रेरणास्रोत के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि आज की महिलाएं हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं और नौसेना इसका एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
इस पूरे कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रशिक्षण और प्लेसमेंट प्रभारी शांचामो यंथन ने की, जिन्होंने छात्रों को ऐसे सत्रों में भाग लेने और अपने करियर को दिशा देने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय भविष्य में भी इस तरह के उद्योग-शैक्षणिक समन्वय कार्यक्रमों का आयोजन करता रहेगा। यह कार्यक्रम केवल एक व्याख्यान मात्र नहीं था, बल्कि छात्रों के लिए एक प्रेरणास्पद अनुभव रहा। इससे उन्हें न केवल भारतीय नौसेना के विविध पहलुओं को जानने का अवसर मिला, बल्कि अपने करियर को लेकर सटीक और व्यावहारिक जानकारी भी प्राप्त हुई। कार्यक्रम ने यह साबित किया कि यदि छात्रों को सही दिशा और प्रेरणा दी जाए, तो वे देश की सुरक्षा व्यवस्था में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।