
नई दिल्लीः देश की राजधानी दिल्ली में मंकीपॉक्स ने दस्तक दे दी है। 31 साल के एक शख्स को मंकीपॉक्स से संक्रमित पाया गया है। मरीज को दिल्ली स्थित एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जान लें कि मंकीपॉक्स से संक्रमित पाया गया शख्स हिमाचल प्रदेश से लौटा है। उसकी विदेश की ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। गौरतलब है कि भारत में मंकीपॉक्स के अब तक कुल 4 केस पाए जा चुके हैं। मंकीपॉक्स का 1 केस दिल्ली और 3 केस केरल में पाए गए हैं। इसके अलावा मंकीपॉक्स को लेकर ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित हो चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शनिवार को मंकीपॉक्स को लेकर ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित की थी।
75 देशों में दस्तक दे चुका है मंकीपॉक्स
गौरतलब है कि मंकीपॉक्स दुनियाभर के 75 देशों तक पहुंच चुका है। मंकीपॉक्स के 16 हजार मामले अब तक पाए जा चुके हैं। यूरोप में मंकीपॉक्स ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। दुनियाभर के 80 फीसदी मंकीपॉक्स के केस अकेले यूरोप में हैं। बता दें कि किसी भी बीमारी को इमरजेंसी घोषित करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक कमेटी फैसला लेती है। अगर कमेटी ने सहमति ना बने तो निदेशक के ऊपर फैसला छोड़ा जाता है। मंकीपॉक्स के मामले में भी यही हुआ, विश्व स्वास्थ्य संगठन के निदेशक डॉक्टर टैड्रॉयड अब्राहम ने तेजी से बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए मंकीपॉक्स को वैश्विक इमरजेंसी घोषित कर दिया है।
मंकीपॉक्स यूरोप-उत्तरी अमेरिका फैला
बता दें कि मंकीपॉक्स की बीमारी सबसे ज्यादा यूरोप और उत्तरी अमेरिका में फैली है। उत्तरी अमेरिका के 44 राज्यों में अब तक मंकीपॉक्स के 2 हजार 500 केस सामने आ चुके हैं। इससे पहले इन दोनों ही जगहों पर मंकीपॉक्स कभी नहीं फैला था। भारत में मंकीपॉक्स के 4 केस हैं और सभी संक्रमित युवा हैं।
ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित करने के पीछे वजह
जान लें कि मंकीपॉक्स को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित करने के पीछे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सबसे बड़ी वजह यह बताई कि अब मंकीपॉक्स के तेजी से फैलने का खतरा बढ़ गया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक साथ मिलकर मंकीपॉक्स से लड़ाई लड़ने की जरूरत है। बता दें कि इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जनवरी 2020 में कोरोना वायरस को ग्लोबल हेल्थ एमरजेंसी घोषित किया था।