इंफाल: मेइती कट्टरपंथी संगठन अरम्बाई टेंगोल के प्रमुख कोरोउ नगांबा खुमान और कुकी उग्रवादी राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की जांच के दायर में हैं, जिसे संघर्षग्रस्त मणिपुर में सुरक्षा बलों पर हमलों और आईईडी विस्फोट के चार मामलों की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गयी है।
एनआईए सूत्रों के मुताबिक,इन चार मामलों में इंफाल में प्रथम मणिपुर राइफल्स परिसर से हथियार और गोला-बारूद की लूट, मोरेह में भारतीय रिजर्व बटालियन चौकी पर हमला और बिष्णुपुर में आईईडी विस्फोट शामिल हैं। गृह मंत्रालय के आतंकवाद एवं कट्टरपंथ रोधी प्रभाग ने हाल ही में एनआईए को चारों मामलों की जांच की जिम्मेदारी सौंपी थी। एनआईए की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर हस्तांतरण याचिका की एक प्रति में कहा गया है, ‘खुमान से जुड़ा पहला मामला पिछले साल 1 नवंबर को हुई एक घटना से संबंधित है, जब फेसबुक पेज कोरू नगांबा खुमान के जरिए मणिपुरी भाषा में किए गए एक आह्वान पर उसके नेतृत्व में बड़ी संख्या में अरम्बाई टेंगोल के सदस्य अत्याधुनिक हथियारों से लैस होकर, छद्म वर्दी व काले रंग की शर्ट पहनकर कई हल्के वाहनों में आए और इंफाल पूर्वी जिले के ‘पैलेस कंपाउंड’ में एकत्र हुए। फेसबुक पेज पर आह्वान किया गया था कि ‘कृपया सभी बहादुर भाई एक साथ आएं और उन सभी को अंतिम सबक सिखाएं।’ हलफनामे में कहा गया है, ‘जब उन्हें पैलेस के द्वार पर इंफाल पूर्व थाने के कर्मियों ने रोका, तो समूह ने पुलिस पर गोलीबारी की, स्थानीय पुलिस को काबू में कर लिया और कई हल्के वाहनों में सवार होकर संजेनथोंग पुल से होते हुए इंफाल पश्चिम की ओर बढ़ गए।’
एनआईए ने हलफनामे में कहा, ‘केंद्र सरकार का मानना है कि यह एनआईए अधिनियम 2008 के तहत एक अनुसूचित अपराध है और अपराध की गंभीरता व राष्ट्रीय सुरक्षा पर इसके प्रभाव को देखते हुए एनआईए को अधिनियम के अनुसार इसकी जांच करनी चाहिए।’ खुमान से जुड़ा दूसरा मामला उसी दिन शाम छह बजे हुई एक अन्य घटना से संबंधित है। हलफनामे के अनुसार, बड़ी संख्या में अरम्बाई टेंगोल के सदस्यों ने अपने प्रमुख के नेतृत्व में इंफाल में प्रथम मणिपुर राइफल्स बटालियन पर हमला कर दिया। उन्होंने वाहनों सहित सरकारी कार्यालय के सामान में तोड़फोड़ की और प्रथम एमआर बटालियन के हथियार और गोला-बारूद लूट लिये। पुलिस, असम राइफल्स और सीआरपीएफ समेत सुरक्षा बलों के अतिरिक्त कर्मियों के पहुंचने के बाद हमलावर सुरक्षाकर्मियों से लूटे गए हथियार और गोला-बारूद लेकर भाग गए। इस मामले में 30 नवंबर, 2023 को लिलोंग चाजिंग ममांग लेईकाई के मुटुम राजेश सिंह (25) और क्यामगेई शांतिपुर के लंगथबल कुंजा को गिरफ्तार किया गया था। कुकी उग्रवादियों को एनआईए की जांच के दायरे में लाने वाला एक अन्य मामला इस साल जनवरी में तेंगनौपाल जिले के मोरेह में एक आईआरबी चौकी पर सशस्त्र हमले से जुड़ा है। एनआईए ने कहा, ‘17 जनवरी, 2024 को भारी हथियारों से लैस कुछ संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने मोरेह के इमा कोंडोंग लैरेम्बी में स्थित आईआरबी चौकी पर बमों और आग्नेयास्त्रों से हमला किया, जिसमें एक आईआरबी कर्मी घायल हो गया। आईआरबी ने भी जवाबी कार्रवाई की और इस तरह राष्ट्रीय सुरक्षा बलों एवं आईआरबी कर्मियों पर हमला करने वाले अज्ञात संदिग्ध कुकी उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गयी।’ हलफनामे में कहा गया है कि भीषण गोलीबारी मोरेह कस्बे के कई अन्य हिस्सों में भी फैल गयी और एक राइफलमैन सोमोरजीत मीतेई शहीद हो गए तथा दो अन्य आईआरबी कर्मी घायल हो गए।मामले में किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया। चौथा मामला, पिछले वर्ष 21 जून को बिष्णुपुर जिले के फोगाकचाओ इखाई में संदिग्ध उग्रवादियों द्वारा किए गए आईईडी बम विस्फोट से संबंधित है, जिसमें तीन लोग घायल हुए थे और घरों एवं सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा था। इस मामले में चुराचांदपुर के सेमिनलुन गंगटे और दो अन्य लोगों मोहम्मद नूर हुसैन और मोहम्मद इस्लाउद्दीन को गिरफ्तार किया गया।
मणिपुर में 4 उग्रवादी गिरफ्तार
मणिपुर में दो प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े चार उग्रवादियों को आग्नेयास्त्र रखने और जबरन वसूली के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के अनुसार, कंगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी (पीपुल्स वार ग्रुप) संगठन से जुड़े तीन उग्रवादियों को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया, जिनकी पहचान इंफाल पश्चिम जिले के रहने वाले चोंगथम श्यामचंद्र सिंह और इंफाल पूर्वी जिले के निवासियों माईबाम सूरज खान और बोघिमायुम साहिद खान के रूप में हुई है।
एक अन्य घटना में, प्रतिबंधित यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (निंगोन माचा समूह) से जुड़े एक उग्रवादी को अवैध रूप से आग्नेयास्त्र रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया, जिसकी पहचान सांगोमशुम्फम वारिश के रूप में हुई है, जो थौबल जिले के लिलोंग हाओरू का रहने वाला है।
विधायक आवासों पर हमला मामले में 8 गिरफ्तार
इंफाल : हिंसा प्रभावित मणिपुर में पुलिस थाने और विधायकों के आवास पर हमले के मामले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने कहा कि 16 नवंबर को विधायकों की संपत्तियों में आगजनी करने के मामले में इंफाल पश्चिम जिले के पटसोई पुलिस थाना क्षेत्र के कियाम ममांग लेईकाई के निवासी चोंगथम थोइचा (20) को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा, 27 नवंबर को काकचिंग थाने और जवानों पर हमला करने के मामले में गुरुवार को 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने कहा, ‘विधायकों की संपत्तियां तोड़-फोड़ने करने के आरोप में 16 नवंबर को गिरफ्तार किए गए चार लोगों की रिहाई की मांग को लेकर 27 नवंबर को हमला किया गया था।’ मेइती समुदाय की छह महिलाओं और बच्चों के शव नदी में मिलने के बाद आक्रोशित भीड़ ने इंफाल घाटी में कई विधायकों के घरों में तोड़फोड़ की। जिरीबाम जिले में 11 नवंबर को सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ के बाद कुकी उग्रवादियों ने लोगों का कथित तौर पर अपहरण कर लिया था। सुरक्षा बलों ने दस कुकी उग्रवादी को मार गिराया था।’ इंफाल घाटी में रहने वाले मेइती और आसपास के पहाड़ी इलाकों के निवासी कुकी-जो समुदाय के लोगों के बीच पिछले साल मई से जारी जातीय हिंसा में 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।