एयरलाइंस घबरा रही है वित्तीय नुकसान से
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : अगले साल यूरोप के लिए सीधी उड़ान शुरू हो सकती है। पश्चिम बंगाल विधानसभा ने हाल ही में एक प्रस्ताव पास किया, जिसमें केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया कि वह कोलकाता से यूरोप और अमेरिका के विभिन्न शहरों के लिए सीधी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित करने के लिए एयरलाइनों को प्रेरित करे। इस प्रस्ताव को वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने प्रस्तुत किया था। जिन्होंने इस मुद्दे पर सरकार के दृष्टिकोण को विस्तार से बताया। कोविड के बाद से कोलकाता से लंदन की उड़ान वापस से नहीं शुरू हो पायी। ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के पूर्वी अध्यक्ष अंजनी धानुका ने कहा कि एयर इंडिया मर्ज होने से पहले लंदन के लिए सप्ताह में दो दिन उड़ानों को संचालित किया जाता था। वहीं अन्य राज्यों से यूरोप और अमेरिका के लिए उड़ानों की संख्या पिछले कुछ वर्षों में बढ़ी है, लेकिन फिर भी शहर से इन गंतव्यों के लिए कोई सीधी उड़ानें नहीं हैं। हमारी कोशिश है कि यहां से भी डायरेक्ट कनेक्टिविटी हो। वहीं एविएशन उद्योग के विशेषज्ञों का कहना है कि यूरोप के लिए उड़ान न होने के पीछे कई कारण हैं, जैसे पश्चिम बंगाल में व्यापार की छवि, एयरपोर्ट पर रखखराव सुविधा का अभाव सुविधाएं और कुछ बड़े यूरोपीय एयरलाइनों की वित्तीय समस्याएं।
एयरलाइंस से की गयी अपील
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कई बार यूरोप और अमेरिका के लिए सीधी उड़ानों की आवश्यकता पर जोर दिया है और उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय और भारतीय एयरलाइनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की, लेकिन अभी तक कोई ठोस परिणाम नहीं आया है। कोलकाता हवाईअड्डे पर अब औसतन 23 अंतरराष्ट्रीय उड़ानें दैनिक रूप से संचालित होती हैं, जबकि दिल्ली, मुम्बई व बंगलुरू से काफी अधिक अंतरराष्ट्रीय उड़ानें हैं। हालांकि, इन स्थानों से लंदन, पेरिस, फ्रैंकफर्ट और सैन फ्रांसिस्को के लिए सीधी उड़ानें हैं, वहीं कोलकाता से मुख्य रूप से खाड़ी देशों (दुबई, दोहा, अबू धाबी) और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों (सिंगापुर, थाईलैंड, मलेशिया) के लिए उड़ानें हैं।
यात्री कोलकाता से दुबई व सिंगापुर होकर जाते हैं यूरोप
एयरलाइंस सूत्रों की माने तो इमिरेट्स एयरलाइंस जो कोलकाता से दुबई के लिए प्रत्येक सप्ताह 11 उड़ानें संचालित करती है, उसके 360 सीटों में से अधिकांश यूरोप और अमेरिका के लिए आगे की यात्रा करती हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि सप्ताह में तीन बार उड़ानें संचालित करना आर्थिक रूप से कठिन हो सकता है, क्योंकि यदि यात्रियों को रोजाना कनेक्टिविटी नहीं मिलती है, तो वे अन्य उड़ानों को प्राथमिकता देते हैं। लुफ्थांसा और ब्रिटिश एयरवेज जैसी एयरलाइनों ने पहले कोलकाता से सीधी उड़ानें संचालित की थीं, लेकिन इन उड़ानों को या तो खराब लाभ के कारण वापस ले लिया गया था या अन्य कारणों से बंद कर दिया गया था।
यह भी है मुख्य समस्या
विशेषज्ञों का कहना है कि एयरलाइनों को यात्रियों की सुविधा और उच्च-यील्ड सीटों को भरने में कठिनाई होती है। इसके अलावा, विमान ईंधन की कीमतें भी एक अहम कारण हैं। कोलकाता में एटीएफ की कीमत दिल्ली और मुंबई की तुलना में अधिक है, जिससे उड़ानों की लागत बढ़ जाती है। इन सब कारणों से, विशेषज्ञों का मानना है कि कोलकाता से यूरोप और अमेरिका के लिए सीधी उड़ानों की शुरुआत अभी भी एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, लेकिन अगर सही कदम उठाए जाते हैं, तो इस समस्या का समाधान संभव हो सकता है।
: – नेहा सिंह