नयी दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति मार्शल अब्दुल रशीद दोस्तम के साथ वार्ता की जिसमें उस देश में शांति एवं स्थिरता लाने की ऐतिहासिक पहल सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। अफगानिस्तान के प्रभावशाली नेता दोस्तम की भारत यात्रा ऐसे समय में हुई हैं जब वहां 19 साल से जारी युद्ध को समाप्त करने के लिये हाल ही में तालिबान और अफगान सरकार के बीच पहली बार सीधी वार्ता हो हुई।
वर्षो से जारी संषर्घ में अफगानिस्तान के विभिन्न इलाकों में कई हजार लोग मारे गए हैं। बैठक के बाद जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘भारत अफगान नीत, अफगान नियंत्रित और अफगानिस्तान के स्वामित्व वाली शंति प्रक्रिया को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।’ उन्होंने कहा, ‘मार्शल अब्दुल रशीद दोस्तम से मिलकर प्रसन्न हूं। अफगानिस्तान और क्षेत्र से जुड़े घटनाक्रमों पर विचारों का आदान प्रदान किया। उनका व्यापक अनुभव और गहरी सोच प्रकट हुई।’
भारत है मित्रता के लिए दीर्घकालीन प्रतिबद्ध
वहीं विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि दोस्तम ने विदेश सचिव हर्ष वर्द्धन श्रृंगला से भी मुलाकात की जिसमें अफगानिस्तान के समाज के सभी वर्गो के संवैधनिक अधिकार एवं व्यवस्था जैसे मुद्दों पर चर्चा हई। श्रीवास्तव ने ट्वीट किया, ‘विदेश सचिव हर्ष वर्द्धन श्रृंगला ने मार्शल अब्दुल रशीद दोस्तम से मुलाकात की और अफगान शांति वार्ता एवं उभरती स्थिति को लेकर उनके विचार जाना। अफगानिस्तान के समाज के सभी वर्गो के संवैधनिक अधिकार एवं व्यवस्था के बारे में भी चर्चा हई। भारत ने अफगानिस्तान के प्रति दीर्घकालीन प्रतिबद्धता को दोहराया।’
भारत अफगानिस्तान शांति महत्वपूर्ण
गौरतलब है कि भारत अफगानिस्तान में शांति एवं स्थिरता में एक महत्वपूर्ण पक्षकार है। उसने अफगानिस्तान में सहायता एवं पुनर्निर्माण कार्यो में 2 अरब डालर से अधिक निवेश किया है। 12 सितंबर को दोहा में अंतर अफगान वार्ता के उद्घाटन समारोह में भारतीय शिष्टमंडल ने हिस्सा लिया था और जयशंकर इसमें वीडियो कांफ्रेंस के जरिये शामिल हुए थे। अमेरिका और तालिबान के बीच फरवरी में शांति समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद भारत उभरती राजनीतिक स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए है।