PM मोदी की उंगली पकड़कर क्या बोले नीतीश कुमार ? | Sanmarg

PM मोदी की उंगली पकड़कर क्या बोले नीतीश कुमार ?

गया: बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्धघाटन किया है। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के विनाश को याद करते हुए कहा कि आग की लपटें किताब जला सकती हैं, ज्ञान नहीं। इस मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पीएम मोदी के साथ थे। जब पीएम मोदी, नीतीश कुमार के पास में बैठे हुए थे तब अचानक से नीतीश ने उनका हाथ पकड़ लिया और उंगली चेक करने लगे। अब इस घटना का वीडियो काफी वायरल हो रहा है।

नीतीश ने ऐसा क्यों किया?

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर के उद्घाटन अवसर पर एक साथ बैठे हैं। इस बीच नीतीश कुमार अचानक से पीएम मोदी का हाथ पकड़ लेते हैं और उनकी उंगली चेक करते हैं। इसके बाद नीतीश अपनी उंगली भी दिखाते हैं। जानकारी के मुताबिक, नीतीश कुमार ने पीएम मोदी की उंगली पर चुनावी स्याही के निशान को चेक किया था।

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नीतीश ने पीएम मोदी के लिए क्या कहा?

उद्घाटन अवसर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंच से ऐसी बात कह दी जिसे सुनकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी अपनी हंसी नहीं रोक पाए। नीतीश ने कहा कि अभी कुछ दिन पहले जब यह खबर आई कि आप आ रहे हैं उद्घाटन करने तो हमलोगों को बहुत अच्छा लगा। इसके बाद उन्होंने हंसते हुए कहा कि तीसरी बार भी आप है ही (केंद्र में तीसरी बार सत्ता में आने पर)…फिर आप आ रहे हैं तो हमें बहुत अच्छा लगा। नीतीश ने जैसे ही पीएम मोदी के तीसरी बार का उल्लेख किया तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी हंसी नहीं रोक पाए।

 

नालंदा केवल एक नाम नहीं है- पीएम मोदी

उद्घाटन अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नालंदा केवल भारत के ही अतीत का पुनर्जागरण नहीं है, इसमें विश्व और एशिया के कितने ही देशों की विरासत जुड़ी हुई है। पीएम मोदी ने नालंदा विश्वविद्यालय के पुनर्निर्माण की भागीदारी में भारत के मित्र देशों का अभिनंदन किया। पीएम मोदी ने कहा, “नालंदा केवल एक नाम नहीं है। नालंदा एक पहचान है, एक सम्मान है। नालंदा एक मूल्य है, मंत्र है, गौरव है, गाथा है। नालंदा इस सत्य का उद्घोष है कि आग की लपटों में पुस्तकें भले जल जाएं लेकिन आग की लपटें ज्ञान को नहीं मिटा सकतीं।”

 

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