सावधान ! कहीं आप भी तो नहीं खाते ये डिश नहीं तो कोरोना से भी खतरनाक … | Sanmarg

सावधान ! कहीं आप भी तो नहीं खाते ये डिश नहीं तो कोरोना से भी खतरनाक …

नामवोन : दक्षिण कोरिया के नामवोन शहर से फूड पॉइजनिंग के लगभग एक हजार मामले सामने आए हैं। इतनी बड़ी संख्या में बीमार हुए लोग नोरोवायरस से इन्फेक्टेड थे। यह बहुत संक्रामक वायरस है, जो फूडबोर्न डिजीज का कारण बन सकता है। यह दूषित सतहों के जरिए आसानी से फैल सकता है। नोरोवायरस संक्रमण की वजह कोरियाई फूड किमची को बताया गया है। किमची कोरिया का एक पारंपरिक भोजन है, जो फर्मेंटेशन से तैयार किया जाता है। हालांकि अब यह भारत समेत पूरी दुनिया में काफी पॉपुलर है। आमतौर पर फर्मेंटेड फूड सेहत के लिए अच्छा होता है। इस मामले में वजह लापरवाही बताई जा रही है। दुनियाभर में फर्मेंटेड फूड का बहुत पुराना इतिहास है। सभी देशों और संस्कृतियों में फर्मेंटेड फूड खूब चाव से खाए जाते हैं। भारत में भी सिरका, ढोकला, कांजी, कोंबूचा, अचार, दही और छाछ जैसे फर्मेंटेड फूड हमारे भोजन का प्रमुख हिस्सा हैं। फर्मेंटेड फूड जितने स्वादिष्ट होते हैं, उतने ही सेहतमंद भी। बेहतर गट हेल्थ के दावों से ही किमची को पूरी दुनिया में खास पहचान मिली है।

फर्मेंटेड फूड खाने वाले जीते हैं लंबी जिंदगी

जब इंसान ने फर्मेंटेड शराब बनानी सीखी, उससे बहुत पहले से फर्मेंटेड फूड लोगों की डाइट का हिस्सा थे। दूध प्राकृतिक रूप से 10 हजार ईसा पूर्व में ही फर्मेंट करके खाया जाने लगा था। दूध में प्राकृतिक रूप से माइक्रोफ्लोरा होता है, जो इसे फर्मेंट करके दही बना देता है। पहले तो दूध नेचुरली फर्मेंट होता रहा। फिर लोगों ने स्वाद के लिए दूध में जामन (थोड़ा दही) मिलाकर दही बनाना शुरू कर दिया। धीरे-घीरे यह हमारी डाइट का अहम हिस्सा बनता गया। हालांकि 1900 से पहले तक लोग इसके फायदे नहीं जानते थे।

 

 

 

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