
आगरा : ताजमहल के तहखाने में बने 20 कमरों को खोलने की याचिका पर हाईकोर्ट में आज सुनवाई होनी है, लेकिन भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) और देश के नामी गिरामी संस्थानों के लिए तहखाना कई बार खुला है। ताजमहल की मजबूती परखने के लिए समय-समय पर तहखाने में जाकर इसका सर्वे किया गया है। एएसआई ने 16 साल पहले तहखाने का संरक्षण कराया था, लेकिन इसकी मजबूती परखने के लिए नेशनल जियोग्राफिक रिसर्च इंस्टीट्यूट और रुड़की विश्वविद्यालय ने वर्ष 1993 में सर्वे कराया था, जिसमें ताजमहल के तहखाने की दीवार तीन मीटर मोटी बताई गई और मुख्य गुंबद पर असली कब्रों के नीचे का हिस्सा ठोस बताया गया। रुड़की विश्वविद्यालय ने इस सर्वे में इलेक्ट्रिकल, मैग्नेटिक प्रोफाइलिंग तकनीक, शीयर वेब स्टडी और ग्रेविटी एंड जियो रडार तकनीक का उपयोग किया था।