वाराणसी : वाराणसी के बहुचर्चित ज्ञानवापी परिसर में वजूस्थल को छोड़कर परिसर के सर्वे वाली याचिका पर आदेश आ गया है। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने मां श्रृंगार गौरी मूल वाद में ज्ञानवापी के सील वजूखाने को छोड़कर बैरिकेडिंग वाले क्षेत्र का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से रडार तकनीक से सर्वे कराने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा है कि एएसआई बताए कि किस तरह से और कैसे सर्वे होगा कि ज्ञानवापी परिसर में किसी भी तरह का नुकसान न हो। सर्वे के संबंध में पूरी तैयारी के साथ एएसआई चार अगस्त तक रिपोर्ट दाखिल करे। इसके साथ ही मुकदमे की सुनवाई की अगली तिथि अदालत ने चार अगस्त नियत की है।अदालत में हिंदू पक्ष की चार वादिनी रेखा पाठक, मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी और सीता साहू की तरफ से बीते 16 मई को प्रार्थना पत्र दिया गया था। कहा गया था कि ज्ञानवापी में सील किए गए वजूखाना को छोड़कर बाकी क्षेत्र का एएसआई से रडार तकनीक से सर्वे कराया जाए। इस पर 19 मई को अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने आपत्ति की थी। 14 जुलाई को सुनवाई पूरी हो गई थी। तब कोर्ट ने आदेश के लिए पत्रावली सुरक्षित रखते हुए सुनवाई के लिए 21 मई की तिथि तय की थी।
हिंदू पक्ष ने जताई खुशी
जिला जज की अदालत में आवेदन मंजूर होने पर हिंदू पक्ष ने खुशी जताते हुए इसे बड़ी जीत करार दिया है। हिंदू पक्ष के अधिवक्ताओं ने कहा कि सर्वे से यह स्पष्ट हो जाएगा कि ज्ञानवापी की वास्तविकता क्या है। सर्वे में बिना क्षति पहुचाएं पत्थरों, देव विग्रहों, दीवारों सहित अन्य निर्माण की उम्र का पता लग जाएगा। वहीं, विपक्षी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने सर्वे कराने के आवेदन का विरोध किया है।