
नई दिल्ली : बॉक्सिंग में भारत को अपना पहला गोल्ड मेडल मिल गया है। हरियाणा की बॉक्सर नीतू घंघास ने यह पदक भारत की झोली में डाला है। नीतू ने महिलाओं की मिनिममवेट कैटेगरी (45-48kg) के फाइनल मुकाबले में इंग्लिश बॉक्सर डैमी जेड रेज़तान को शिकस्त दी। नीतू ने यह मुकाबला एकतरफा अंदाज में जीता। पांचों जजों ने एक मत होकर नीतू को 5-0 से विजय घोषित किया। फाइनल मुकाबले में नीतू का वही आक्रामक रूप देखने को मिला जो उन्होंने सेमीफाइनल और क्वार्टरफाइनल में दिखाया था। वह इंग्लैंड की बॉक्सर पर लगातार मुक्के बरसाती रहीं।
इससे पहले नीतू ने सेमीफाइनल मैच में कनाडा की प्रियंका ढिल्लों को शिकस्त दी थी। उन्होंने इस मैच के तीसरे राउंड में कनाडाई बॉक्सर पर इतने मुक्के बरसाए थे कि रेफरी को खेल रोककर नीतू को विजेता घोषित करना पड़ा था। इससे पहले क्वार्टर फाइनल मुकाबले में भी नीतू ने विपक्षी आयरिश बॉक्सर क्लाइड निकोल पर इस कदर मुक्के बरसाए थे कि दूसरे राउंड के बाद ही उन्हें विजेता घोषित कर दिया गया था।
बता दें कि 21 साल की नीतू पहली बार कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा ले रही हैं। वह भारतीय लीजेंड बॉक्सर मैरीकॉम की वैट कैटगरी में खेल रही हैं। नीतू हरियाणा के भिवानी जिले के धनाना गांव की रहने वाली हैं। वह रोजाना अपने गांव से 20 किमी दूर धनाना स्थित बॉक्सिंग क्लब में ट्रेनिंग के लिए जाया करती थीं। नीतू को बॉक्सर बनाने के लिए उनके पिता ने अपनी नौकरी तक दांव पर लगा दी थी।