नयी दिल्ली : सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने चीन को दो टूक संदेश देते हुए कहा है कि भारतीय सेना देश की सीमा पर यथास्थिति में एकतरफा बदलाव की किसी कोशिश को कामयाब नहीं होने देगी। सेना प्रमुख ने यह भी कहा है हमारा धैर्य हमारे आत्मविश्वास की निशानी है लेकिन किसी को भी इसे परखने की गलती नहीं करनी चाहिए।
सीमा विवाद समाधान के प्रयास जारी रहेंगे
जनरल नरवणे ने शनिवार को यहां सेना दिवस परेड को संबोधित करते हुए कहा कि पिछला साल सेना के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण था। उन्होंने चीन के साथ लगने वाली उत्तरी सीमाओं पर घटनाक्रम का हवाला दिया। उन्होंने पूर्वी लद्दाख गतिरोध की ओर इशारा करते हुए कहा कि स्थिति नियंत्रण में रखने के लिए भारत और चीन में सैन्य स्तर की 14वें दौर की वार्ता हाल में हुई। विभिन्न स्तरों पर संयुक्त प्रयासों से कई इलाकों में सैनिकों के पीछे हटने का काम पूरा हुआ जो अपने आप में एक रचनात्मक कदम है। उन्होंने कहा कि परस्पर एवं बराबर सुरक्षा के आधार पर मौजूदा स्थिति का समाधान ढूंढने के लिए प्रयास जारी रहेंगे। पेंगॉन्ग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद पांच मई, 2020 से भारत और चीन की सेनाएं पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध में उलझी हुई हैं।
गौरतलब है कि सेना दिवस, 1949 में अपने ब्रिटिश पूर्ववर्ती के स्थान पर भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर इन चीफ के तौर पर फील्ड मार्शल के एम करियप्पा के प्रभार संभालने के उपलक्ष्य में हर साल 15 जनवरी को मनाया जाता है।
सैकड़ों आतंकी घुसपैठ की फिराक में
जनरल नरवणे ने कहा कि नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर स्थिति पिछले साल से बेहतर है लेकिन पाकिस्तान अब भी आतंकियों को पनाह दे रहा है। पाकिस्तान पर आतंकवादियों को पनाह देने का आरोप लगाते हुए कहा कि सीमा पार प्रशिक्षण शिविरों में लगभग 300-400 आतंकवादी जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ करने के मौके की प्रतीक्षा कर रहे हैं लेकिन एलओसी पर सैन्य अभियानों और सेना के मजबूत ‘घुसपैठ विरोधी ग्रिड’ ने कई प्रयासों को विफल कर दिया है। उन्होंने कहा कि ड्रोन के जरिये हथियारों की तस्करी के लिए भी सीमा पार से प्रयास किये जा रहे हैं। एजेंसियां
सीमा पर एकतरफा बदलाव की कोशिश कामयाब नहीं होने देंगे : जनरल नरवणे
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