
– जल्द होगा ध्वनि की गति से चार गुना तेज मिसाइल का परीक्षण, जानें इसकी खासियत
नई दिल्ली : भारत की पहली स्वदेशी हवा से हवा में वार करने वाली मिसाइल ‘अस्त्र’ का परीक्षण जल्द ही स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस से किया जाएगा। हथियारों के मामले में यह मिसाइल देश के लड़ाकू बेड़े का मुख्य आधार बनेगा। इसके टेस्टिंग की तैयारियां तेज हो गई हैं। गुरुवार को वायुसेना के एक सूत्र ने कहा, ‘अगले कुछ महीनों में स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस पर इस मिसाइल का परीक्षण शुरू किया जाएगा।’ आइए जानते हैं इस मिसाइल से संबंधित कुछ खास बातें :
– ध्वनि की गति से भी ज्यादा तेज 4.5 मैक की रफ्तार से यह मिसाइल चार गुना ऊपर उड़ने वाली दृश्य श्रेणी की हवा से हवा में वार करने वाली मिसाइल (बीवीआरएएम) है।
– इस मिसाइल का सभी मौसम में हमला करने की सटीक क्षमता है। यह मिसाइल दिन या रात किसी भी समय में लगभग 100 किमी की स्ट्राइक रेंज में दुश्मन के परखच्चे उड़ा सकता है। हालांकि, इसकी रेंज को बढ़ाने की भी तैयारी चल रही है।
– डीआरडीओ की योजना अगले साल की पहली छमाही में 160 किमी की रेंज के साथ अस्त्र के मार्क -2 संस्करण का परीक्षण शुरू करने की भी है।
– सूत्रों के मुताबिक, 350 किलोमीटर की सीमा के साथ-साथ अस्त्र मार्क-3 को बनाने की योजना पर भी काम चल रहा है। रूसी मूल के सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमानों पर पहले ही अस्त्र मार्क -1 का सफल परीक्षण किया जा चुका है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद ने जुलाई में 288 मिसाइलों की खरीद के प्रारंभिक आदेश के लिए ‘जरूरी स्वीकृति’ दे दी थी।
– सुरक्षा विभाग से जुड़े सूत्र ने बताया कि ‘एक बार तेजस फाइटर जेट से सफल टेस्टिंग हो जाने पर वायुसेना बड़े पैमाने पर मिसाइल का ऑर्डर देगी। लगभग 7.5 करोड़ रुपये प्रति मिसाइल के हिसाब से भारत में इन मिसाइलों का उत्पादन करना होगा।
– इस मिसाइल की टेस्टिंग ऐसे समय में हो रही है जब रक्षा क्षेत्र की बड़ी सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम (पीएसयू) कंपनी हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक लिमिटेड को 83 तेजस मार्क-1 ए फाइटर जेट्स के लिए 37,000 करोड़ रुपये से अधिक का ऑर्डर भी मंजूरी के अंतिम कगार पर है। स्वदेशी फाइटर जेट के मामले में यह अब तक का सबसे बड़ा सौदा होगा।
– वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने पिछले महीने कहा था कि 31 मार्च को चालू वित्त वर्ष समाप्त होने से पहले 83 तेजस का सौदा हो जाएगा। आईएएफ को फिलहाल 40,802 करोड़ रुपये के दो अनुबंधों वाले पहले 40 तेजस मार्क-1 जेट की डिलीवरी धीरे-धीरे मिल रही है।
– भारत ने परमाणु-सक्षम अग्नि जैसी अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों का विकास बहुत पहले ही कर लिया है जो 5,000 किलोमीटर से अधिक दूरी तक के लक्ष्यों को निशाना बना सकती है लेकिन अस्त्र को विकसित करने के तकनीकी संघर्ष में वैज्ञानिकों को 16 साल लग गए। इसलिए यह देश की बड़ी उपलब्धि है।
– भारत अब आखिरकार ऐसी जटिल बीवीआरएएम तकनीक को विकसित करने के बाद अमेरिका, रूस, फ्रांस और इजरायल जैसे देशों की श्रेणी में शामिल हो गया है। यह मिसाइल लंबे समय तक काउंटर अटैक के साथ ही बेहद तेजी से दुश्मनों के सुपरसोनिक लड़ाकू विमानों का पता लगाने, उन पर नज़र रखने और उसे नष्ट करने में सक्षम हैं।