
4 राज्यों में 5 प्रतिशत दावों के सत्यापन की अनुमति
न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना के पीठ ने कहा कि सरकार चार राज्यों महाराष्ट्र, केरल, गुजरात और आंध्र प्रदेश में पांच प्रतिशत दावों का सत्यापन कर सकती है, जहां दावों की संख्या और दर्ज की गयी मृतक संख्या के बीच काफी अंतर था। केंद्र ने इससे पहले कोविड-19 के कारण किसी रिश्तेदार की मौत हो जाने पर प्रशासन से अनुग्रह राशि का दावा करने के लिए चार सप्ताह की समय सीमा निर्धारित करने की मांग करते हुए उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की थी।
झूठे दावों पर जतायी चिंता
वहीं उच्चतम न्यायालय ने कोविड-19 के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिवार के सदस्यों को मिलने वाली 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि पाने के लिए झूठे दावों को लेकर भी चिंता व्यक्त की थी और कहा था कि उसने कभी सोचा भी नहीं था कि इसका ‘दुरुपयोग’ किया जा सकता है और उसे लगता था कि ‘नैतिकता’ का स्तर इतना नीचे नहीं गिर सकता। अनुग्रह राशि का वितरण नहीं करने से नाराज शीर्ष न्यायालय ने राज्य सरकारों को भी फटकार लगायी थी और कहा था कि राज्य को कोविड-19 के कारण मारे गये लोगों के परिजन को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने से केवल इस आधार पर इनकार नहीं करना चाहिए कि मृत्यु प्रमाण पत्र में कोरोना वायरस को मौत का कारण नहीं बताया गया है। अदालत ने कहा था कि कोविड-19 की वजह से मौत की पुष्टि होने और आवेदन जमा करने के 30 दिन के भीतर मुआवजा वितरित किया जाये। देशभर में अब तक कोविड-19 महामारी के कारण 5.16 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। एजेंसियां