
नयी दिल्ली : लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रेाल (एलएसी) के पास भारत की सुरक्षा के खिलाफ चीन ने एक और कदम उठाया है। यहां चीन की सेना द्वारा निर्माण कार्य किया जा रहा है जिसके बाद सीमा पर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। विवादित इलाके में भारतीय सेना की आवाजाही पर भी चीन ऐतराज जता रहा है। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों से गुरुवार को यह जानकारी मिली है कि चीनी सेना भारत से सटे सीमावर्ती इलाके में टेंट लगाकर सुरंग बनाने में जुटी है। ये सुरंगे पैंगोंग सो क्षेत्र में विवादित फिंग 8 माउंटेन के पास तैयार की जा रही हैं जो कि भारत के लिए सुरक्षा के लिहाज से चिंता का विषय है।
बड़ी तादात में तैनात किए गए चीनी सेना के जवान
रक्षा मंत्रालय के सूत्र ने बताया कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने लद्दाख क्षेत्र में पैंगोंग झील के पास सैन्य बुनियादी ढांचे के विकास पर काम करना शुरू कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक, ‘इलाके में बड़ी तादात में चीनी सेना के जवानों को तैनात किया गया है और वे लगातार गश्त लगा रहे हैं। इसके अलावा चीन के सैनिक इस इलाके में भारतीय सैनिकों के आने जाने पर भी ऐतराज जता रहे हैं।’ बता दें कि इसके पहले विवादित क्षेत्र में बिना किसी रोक-टोक के भारतीय सैनिक आवाजाही करते रहे हैं। इसके अलावा इस क्षेत्र में किसी तरह का निर्माण कार्य भी अब तक नहीं देखा गया था। हालांकि, चीनी सैनिकों के टेंट गिराने के बाद यह इलाका उनका स्थायी ठिकाना बनता जा रहा है।
यहां दोनों देशों की सेना के बीच हो चुकी है झड़प
उल्लेखनीय है कि पैंगोंग झील के बड़े हिस्से पर विवाद जारी है। करीब 134 किलोमीटर लंबी इस झील का दो तिहाई भाग चीन के कब्जे वाले तिब्बत में है और बाकी भारतीय सीमा में है। इस झील के उत्तरी हिस्से में भारतीय सैनिकों की तैनाती पर चीन ने अक्सर ऐतराज जताया है। पैंगोंग त्सो के उत्तरी तट पर फिंगर-8 (पर्वतीय स्पर) क्षेत्र में विवादित फिंगर-5 में भारतीय और चीनी सेनाओं के मध्य हिंसक झड़प हो चुकी है। यहां 15 अगस्त, 2017 को दोनों सेनाओं की ओर से पत्थरों और लोहे की छड़ों का इस्तेमाल किया गया था, जिसमें कई सैनिक घायल हो गए थे। इस वर्ष सितंबर में भी चीन के सैनिकों ने लद्दाख के उत्तरी हिस्से में घुसपैठ की थी और वहां पर टेंट लगा दिए थे। हालांकि,दोनों सेनाओं के बीच फ्लैग मीटिंग होने के बाद चीनी सेना वापस जाने के लिए तैयार हो गई थी।
2020 में शुरू होगी अटल टनल पर आवाजाही
बता दें कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 95वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए लद्दाख के रोहतांग टनल का नाम अटल टनल रखने की घोषणा की थी। लेह और मनाली को जोड़ने वाली इस परियोजना पर जून 2000 में वाजपेयी सरकार के कार्यकाल में काम शुरू हुआ था। उम्मीद जताई जा रही है कि इस मार्ग पर अगस्त 2020 से आवाजाही भी शुरू हो जाएगी।