राहुल गांधी की 'वोट चोरी' के आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट में नहीं होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को 'चुनाव आयोग' भेजा बेंगलुरु सेंट्रल सीट पर वोटर लिस्ट में हेराफेरी का मामला
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सुप्रीम कोर्ट
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नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान जिस 'वोट चोरी' मुददे को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग और केंद्र सरकार को जोरदार तरीके से घेरने की कोशिश की थी, उसे सुप्रीम कोर्ट ने सुनने से ही इनकार कर दिया है। राहुल ने बेंगलुरु सेंट्रल सीट पर वोटर लिस्ट में हेराफेरी करने का आरोप लगाया था। आरोपों की जांच के लिए याचिकाकर्ता रोहित पांडे ने विशेष जांच दल एसआईटी गठित करने की मांग को लेकर एक याचिका दायर की थी। सोमवार को जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्य बागची ने इस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को चुनाव आयोग से संपर्क करने या वैकल्पिक उपाय अपनाने को कहा है ।

मामले को जाने : जानकारी हो कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बीते वर्ष 7 अगस्त को संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कर्नाटक चुनाव में धांधली का दावा किया था। उन्होंने चुनाव आयोग से मिलीभगत कर सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा पर 'वोट चोरी' करने का भी आरोप लगाया था। इसके बाद राहुल के आरोपों पर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने उन्हें 7 दिन के भीतर हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया था। तब ज्ञानेश कुमार ने साफ कहा था कि अगर उन्होंने हलफनामा दाखिल नहीं करते तो उन्हें खुद अपने आरोपों को निराधार मानना होगा।

कोर्ट ने क्या कहा : मामले की जांच रिटायर्ट जज की अध्यक्षता वाली कमेटी से कराए जाने की मांग को खारिज करते हुए पीठ ने कहा कि उद्देश्यपूर्ण रूप से सार्वजनिक हित में दाखिल की गई याचिका पर विचार नहीं किया जाएगा। याचिकाकर्ता यह मामला चुनाव आयोग के समक्ष उठा सकते हैं।

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