नई दिल्ली : समाजवादी पार्टी के नेता और एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य के एक बयान पर बवाल मच गया है। उन्होंने रामचरितमानस को लेकर विवादित दिया है। उन्होंने कहा है कि तुलसीदास की रामायण को प्रतिबंधित करना चाहिए। जिस दकियानूसी साहित्य में पिछड़ों और दलितों को गाली दी गई हो उसे प्रतिबंधित होना चाहिए। स्वामी प्रसाद मौर्य ने आगे कहा, अगर सरकार तुलसीदास की रामायण को प्रतिबंधित नहीं कर सकती तो उन श्लोकों को रामायण से निकालना चाहिए।
स्वामी प्रसाद ने कहा कि कई करोड़ लोग रामचरितमानस नहीं पढ़ते। सब बकवास है। अपनी खुशी के लिए तुलसीदास ने यह लिखा है। स्वामी प्रसाद इतने पर ही नहीं रुके। उन्होंने कहा कि सरकार को इस पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए। सपा नेता ने विवादित टिप्पणी करते हुए कहा कि तुलसीदास की रामायण में कुछ ऐसे अंश हैं, जिन पर हमें आपत्ति है। किसी भी धर्म में किसी को गाली देने का हक नहीं है। तुलसीदास की रामायण में चौपाई है। इसमें वह शुद्रों को अधम जाति का होने का सर्टिफिकेट दे रहे हैं। आगे स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, ब्राह्मण भले ही दुराचारी, लंपट, अनपढ़ या गंवार हो, लेकिन वह ब्राह्मण है तो उसे पूजनीय कहा गया है। मगर शुद्र कितना भी पढ़ा-लिखा या फिर ज्ञानी हो उसका सम्मान मत करिए। क्या यही धर्म है?