
– क्या सच में है यह बुरी खबर ?
अंबाला : हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। उन्होंने शनिवार सुबह स्वयं इसकी जानकारी दी है। अनिल विज ने ट्वीट कर कहा है कि मैं कोविड-19 जांच में कोरोना पॉजिटिव पाया गया हूं। मैं सिविल अस्पताल अंबाला कैंट में भर्ती हूं। यहीं पर मेरा इलाज चल रहा है। साथ ही उन्होंने अपने संपर्क में आने वाले सभी लोगों से टेस्ट कराने की अपील भी की है। विज का कोविड पॉजिटिव होना सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि वह भारत बायोटेक की कोविड वैक्सीन कोवैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल का हिस्सा हैं। उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद लोग इस वैक्सीन के असर को लेकर कई प्रकार की आशंकाएं जाहिर कर रहे हैं।
दरअसल, बीते 20 नवंबर को देसी वैक्सीन के तीसरे चरण का पहला टीका अनिल विज को अंबाला कैंट के नागरिक अस्पताल में लगाया गया था। पीजीआई रोहतक की टीम की निगरानी में ही मंत्री विज ने वैक्सीन का टीका लगाया था। बता दें कि कोरोना की वैक्सीन पर काम कर रही हैतब पीजीआई रोहतक के वाइस चांसलर ने बताया था कि कोवैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल शुक्रवार से शुरू हो गया है। सबसे पहले 200 वॉलंटियर्स को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज दी जा रही है। गौरतलब है कि हर वॉलंटियर्स को वैक्सीन की दो डोज दी जाएगी। पहली डोज देने के 28 दिन बाद दूसरी डोज दी जाएगी। बता दें कि भारत बायोटेक कोवैक्सीन का निर्माण इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के साथ मिलकर कर रही है।
लोगों के मन में उमड़ रहे सवाल
विज ने जैसे ही ट्विटर पर अपने कोविड पॉजिटिव होने की जानकारी दी, लोगों ने ट्विटर पर सवालों का तांता लगा दिया। आखिर कोवैक्सीन लेने के बाद मंत्री को कोरोना कैसे हो गया? बहुत सारे यूजर्स ने यही सवाल पूछते हुए वैक्सीन के असर पर सवाल खड़े किए हैं। ये सवाल पूरी तरह निराधार तो नहीं, लेकिन जल्दबाजी में जरूर किए जा रहे हैं।
अनिल विज को कोरोना कैसे हुआ?
अनिल विज को अंबाला के एक अस्पताल में 20 नवंबर को कोवैक्सीन की पहली डोज दी गई थी। कोवैक्सीन के फेज 3 ट्रायल प्रोटोकॉल के अनुसार, 0.5एमजी की दो डोज दी जानी हैं। पहली डोज के बाद दूसरी डोज 28वें दिन लगती है। यानी विज को वैक्सीन की दूसरी डोज अभी तक नहीं दी गई है। जब तक वैक्सीन की दोनों डोज नहीं लगतीं, कोविड से इम्युनिटी मुश्किल है। विज के संक्रमित होने की यही वजह नजर आती है, हालांकि विशेषज्ञों का उनकी जांच कर इस कारण का पता लगाना बाकी है।
क्यों नहीं है इस घटना से डरने की जरूरत?
कोविड वैक्सीन के ट्रायल में शामिल किसी को भी संक्रमण हो सकता है। इसमें हैरान होने वाली कोई बात नहीं है। यह बेहद सामान्य प्रक्रिया है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन को ऐसी वैक्सीन को मंजूरी दे रहा है जो 50% भी असरदार हैं। यानी अगर कोई वैक्सीन लगने के बाद आधे से ज्यादा लोगों में भी इम्युनिटी बढ़ती है तो वह वैक्सीन सफल है। गौरतलब है कि ट्रायल में अगर 100 लोग शामिल हैं तो उनमें से कुछ को कोरोना होगा ही। कोई भी वैक्सीन 100% असरदार नहीं रही है। मॉडर्ना, फाइजर की वैक्सीन भी 95% तक प्रभावी रही हैं, यानी ट्रायल में शामिल 5% लोगों को संक्रमण का खतरा बरकरार रहा या उन्हें संक्रमण हो ही गया। इसलिए विज के कोविड पॉजिटिव होने की खबर वैक्सीन ट्रायल के लिहाज से बुरी नहीं है।