
नई दिल्ली : चंद्रयान 3 के बाद इसरो अपने पहले सोलर मिशन आदित्य L1 की तैयारी कर रहा है। देशवासी सोलर मिशन की लॉन्चिंग का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। अब इसरो ने इस मिशन के लॉन्च की तारीख और समय की घोषणा कर दी है। इसरो ने अपने आधिकारिक हैंडल से ट्वीट किया है कि आदित्य एल 1 मिशन दो सितंबर 2023 रविवार को सुबह 11.50 बजे श्री हरिकोटा से लॉन्च किया जाएगा। देशवासी लॉन्चिंग को लाइव देखने के लिए रजिस्टर कर सकते हैं।
इसरो ने किया ट्वीट
स्पेस ऐजेंसी इसरो ने ट्वीट कर लिखा, ‘PSLV-C57/ आदित्य-L1 मिशन। आदित्य-L1 मिशन, पहली स्पेस आधारित ऑबजर्वेट्री जो सूर्य की स्टडी करेगा। ये दो सितंबर 2023 को भारतीय समयानुसार 11.50 बजे श्रीहरिकोटा से लॉन्च होगा। नागरिक श्रीहरिकोटा लॉन्च व्यू गैलेरी से लॉन्चिंग का गवाह बन सकते हैं। इसके लिए आप https://lvg.shar.gov.in/VSCREGISTRATION/index.jsp पर रजिस्टर कर सकते हैं। रजिस्ट्रेशन की घोषणा यहां पर की जाएगी।’
🚀PSLV-C57/🛰️Aditya-L1 Mission:
The launch of Aditya-L1,
the first space-based Indian observatory to study the Sun ☀️, is scheduled for
🗓️September 2, 2023, at
🕛11:50 Hrs. IST from Sriharikota.Citizens are invited to witness the launch from the Launch View Gallery at… pic.twitter.com/bjhM5mZNrx
— ISRO (@isro) August 28, 2023
सूरज के इन चीजों का करेगा अध्य्यन
आदित्य एल 1 मिशन सूर्य के कोरोना के तापमान, सौर तूफान और उत्सर्जन एवं पराबैगनी किरणों के धरती, खासकर ओजोन परत पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन किया जा सकेगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि मिशन के तहत विभिन्न प्रकार का डाटा एकत्र किया जायेगा ताकि कोई ऐसी व्यवस्था बनायी जा सके कि नुकसानदेह सौर पवन एवं तूफान की जानकारी मिलते ही सवधानी का एलर्ट जारी किया जा सके। आदित्य एल1 के महत्वपूर्ण उपकरण ‘सोलर अल्ट्रावायलेट इमेजिंग टेलीस्कोप’ (एसयूआईटी) को पुणे स्थित इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स (आईयूसीएए) ने तैयार किया है।
15 लाख किलोमीटर तक जाएगा मिशन
आईयूसीएए के वैज्ञानिक एवं एसयूआईटी के मुख्य अन्वेषक प्रो. दुर्गेश त्रिपाठी ने बताया,‘‘ इसरो का सूर्य मिशन ‘आदित्य एल-1’ धरती से सूरज की तरफ 15 लाख किलोमीटर तक जायेगा और सूरज का अध्ययन करेगा।’’ उन्होंने बताया कि सूरज से काफी मात्रा में पराबैंगनी किरणें निकलती है और इस टेलीस्कोप (एसयूआईटी) से 2000-4000 एंगस्ट्रॉम के तरंग दैर्ध्य की पराबैंगनी किरणों का अध्ययन किया जायेगा।