कहा-किसानों के प्रदर्शन पर टिप्पणी पर ‘बर्दाश्त नहीं करने लायक हस्तक्षेप’
नयी दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के प्रदर्शन पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और कुछ कैबिनेट मंत्रियों की टिप्पणी के बाद भारतीय विदेश मंत्रायल ने शुक्रवार को कनाडाई उच्चायुक्त को तलब किया।
भारत ने कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और अन्य नेताओं की टिप्पणी को लेकर कनाडा के उच्चायुक्त स्टीवर्ट बेक को तलब किया। भारतीय विदेश मंत्रायल ने शुक्रवार को कनाडाई उच्चायुक्त से कहा कि किसानों के मुद्दे पर कनाडा के नेताओं द्वारा की गयी टिप्पणी की वजह से कनाडा में हमारे मिशन के सामने भीड़ जमा होने को बढ़ावा मिला, जिससे सुरक्षा का मुद्दा खड़ा होता है। अगर यह जारी रहा तो इससे द्विपक्षीय संबंधों को ‘गंभीर रूप से क्षति’ पहुंचेगी। किसानों के मुद्दों पर कनाडा के नेताओं की टिप्पणी हमारे आंतरिक मामलों में ‘बर्दाश्त नहीं करने लायक हस्तक्षेप’ है।
इससे पूर्व भारत के विदेश मंत्रालय ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि किसी लोकतांत्रिक देश के आंतरिक मामले में इस तरह की टिप्पणी और बयान बेहद गैरजरूरी और अनुचित है। हम कनाडा के सरकार से अपेक्षा करते हैं कि वह भारतीय राजनयिक कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
मालूम हो कि किसानों के प्रदर्शन को लेकर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा था, ‘कनाडा हमेशा शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के अधिकार का बचाव करेगा। हम बातचीत में विश्वास करते हैं। हमने भारत के सामने अपनी चिंताएं रखी हैं। यह सभी के एक साथ आने का वक्त है।’ वहीं, ट्रूडो कैबिनेट में रक्षामंत्री हरजीत सिंह ने ट्विटर पर लिखा था कि भारत में शांतिपूर्ण प्रदर्शनों पर क्रूरता परेशान करती है। मेरे क्षेत्र के कई लोगों के परिवार वहां हैं और उन्हें अपने लोगों की चिंता है। मैं इस मूलभूत अधिकार की रक्षा की अपील करता हूं। दोनों टिप्पणी के बाद भारतीय विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा था कि हमने कनाडाई नेताओं द्वारा भारत में किसानों से संबंधित कुछ टिप्पणियों को देखा है। किसी लोकतांत्रिक देश के आंतरिक मामले में इस तरह की टिप्पणी और बयान बेहद गैरजरूरी और अनुचित हैं। हमारा मानना है कि राजनैतिक वार्तालापों को राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए गलत तरीके से प्रस्तुत नहीं किया जाना चाहिए।
भारत ने कनाडा के उच्चायुक्त को तलब कर खरी खरी सुनायी
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