लखनऊ: देश में कोरोना से संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार का भारत बायोटेक को कोरोना वैक्सीन के तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल की स्वीकृति प्रदान करना बेहद राहत की बात है। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बुधवार को भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड के निदेशक डा वी कृष्णामोहन को पत्र लिखकर मंजूरी दी। उन्हाेंने बताया, ‘अक्टूबर में लखनऊ में एसजीपीजीआई और गोरखपुर में भारत बायोटेक के साथ बीआरडी मेडिकल कॉलेज ट्रायल को लीड करेगा।’ गौरतलब है कि टीके का ट्रायल राजधानी लखनऊ और गोरखपुर में किया जायेगा।
भारत की तीन वैक्सीन समेत दुनिया की कई टीकाें पर काम चल रहा है लेकिन अभी तक किसी कंपनी को पूर्णत: सफलता नहीं मिली है। देश में जिन कोरोना वैक्सीन पर काम चल रहा है उनमें से ‘कोवैक्सीन’ पर सबकी आशा टिकी है। ‘कोवैक्सीन’ के तीसरे फेज के ट्रायल के दौरान भारत बायोटेक चिकित्सा शिक्षा के अपर मुख्य सचिव डॉ रजनीश दुबे के सम्पर्क में नियमित रूप से रहेगा और इस ही दौरान उन्हें समय-समय पर वैक्सीन ट्रायल की प्रक्रिया व गतिविधियों से अवगत कराते रहना होगा।
भारत में तीन कंपनियां कोरोना के टीके बना रही है। इनमें से भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सीन’ भी शामिल है। इसके अलावा सीरम इंस्टिट्यूट ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी भी अपनी वैक्सीन का आखिरी चरण के ट्रायल में जुटा है। अब, भारतीय कंपनी जायडस कैडिला की वैक्सीन ‘जेवाईसीओवी-डी’ को तीसरे फेज के क्लिनिकल ट्रायल की अनुमति मिलने का इंतजार है।