
मुंबई : मशहूर फिल्ममेकर और अभिनेता अमोल पालेकर को सरकार की आलोचना करना भारी पड़ गया। हुआ यूं कि अमोल पालेकर को शनिवार को नेशनल गैलरी ऑफ मॉर्डन आर्ट (एनजीएमए) कार्यक्रम की एक प्रदर्शनी के दौरान पहले से तैयार भाषण के दौरान सरकार व संस्कृति मंत्रालय की आलोचना कर रहे थे। कार्यक्रम के आयोजकों ने बार-बार उन्हें टोका और कहा कि वे कार्यक्रम से संबंधित बातों पर ही बातचीत करें।
पालेकर अधूरा भाषण छोड़कर बैठ गए
विरोध के बाद पालेकर ने इसका विरोध जताते हुए कहा कि कोई कैसे मेरा भाषण रोक सकता है, जिसके बाद पालेकर अधूरा भाषण छोड़कर बैठ गए। अभिनेता बनने से पहले अमोल पालेकर थिएटर जगत में निर्देशक के रूप में स्थाई पहचान बना चुके थे। हिंदी फिल्मों में उन्होंने सन 1974 में बासु चटर्जी की फिल्म रजनीगंधा से कदम रखा। एक अभिनेता के रूप में उन्होंने चितचोर, घरौंदा, गोलमाल मेरी बीवी की शादी, बातों-बातों में, नरम-गरम, श्रीमान-श्रीमती जैसी कई यादगार फिल्मों में काम किया। यहीं नहीं पालेकर कई हिंदी और मराठी फिल्मों का सफल निर्देशन भी कर चुके हैं। फिल्म गोलमाल के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था।
पालेकर का वीडियो हुआ वायरल
अमोल पालेकर का यह कार्यक्रम वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि पालेकर एनजीएमए के मुंबई और बंगलूरू केंद्रों की एडवाइजरी समिति को खत्म करने के लिए संस्कृति मंत्रालय की आलोचना कर रहे हैं। मंच पर मौजूद एनजीएमए के एक सदस्य ने इसका विरोध किया और कहा कि उन्हें कार्यक्रम के बारे में बात करनी चाहिए। इस पर पालेकर ने कहा कि वह उसी बारे में बात करने जा रहे हैं। क्या आप सेंसरशिप लगा रहे हैं। आयोजक को जवाब देने के बाद पालेकर फिर से मंत्रालय की आलोचना करने लगे। इस पर एक महिला ने विरोध किया और कहा कि यह कार्यक्रम प्रभाकर बारवे के बारे में है और आप उन्हीं पर बात करें। लेकिन, पालेकर ने रुकने से मना कर दिया। अंत में लगातार विरोध करने से परेशान होकर पालेकर को अपना पूरा भाषण बिना दिए हुए ही बैठना पड़ा।