
नयी दिल्ली : कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए डायरेक्ट्रोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने सोमवार को एयरलाइन कंपनियों से कहा कि विमानों में बीच की सीटें खाली रखें या यात्रियों को पूरा शरीद ढकने वाला गाउन दें। डीजीसीए ने कहा कि अगर उड़ान में यात्री को बीच की सीट आंवटित की जाती है तो उसे मास्क और फेस शील्ड के अलावा शरीर को कवर करने वाला गाउन भी दिया जाए। उन्होंने कहा कि एयरलाइंस उड़ानों में सीटों का आंवटन इस तरह से करें कि जहां तक मुमकिन हो बीच की सीट खाली रखी जाए।फ्लाइट में यात्रियों को खाना-पानी नहीं दें, बहुत ज्यादा जरूरी हो तो बीमारों को दे सकते हैं।डीजीसीए ने कहा है कि एक ही परिवार के सदस्य साथ बैठ सकते हैं। तीन सदस्य एक ही परिवार के हैं तो बीच सीट का नियम लागू नहीं होगा।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने दिया था निर्देश
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कुछ दिन पहले कहा था कि वंदे भारत मिशन के अंतर्गत विदेशों से आ रही उड़ानों में मध्य की सीटें खाली रखें। एयर इंडिया और सरकार ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सिर्फ 7 जून तक बीच की सीट बुक करने की इजाजत होगी। उसके बाद बॉम्बे हाईकोर्ट का आदेश मानना पड़ेगा। इस बीच डीजीसीए चाहे तो नियमों में बदलाव कर सकता है। इसके बाद ये सवाल उठे थे कि घरेलू उड़ानों में बीच की सीट को लेकर क्या नियम लागू होगा? सरकार ने 25 मई से घरेलू उड़ानें शुरू की थीं।