
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सर्वदलीय बैठक में दिये गये वक्तव्य पर स्पष्टीकरण देते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय ने आज कहा कि कुछ जगह पर प्रधानमंत्री के वक्तव्य की शरारतपूर्ण व्याख्या की गयी है जबकि प्रधानमंत्री ने साफ शब्दों में कहा था कि भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा के अतिक्रमण की किसी भी कोशिश का करारा जवाब देगा। प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा है कि वास्तव में प्रधानमंत्री ने यह बात जोर देकर कही थी कि बीते समय में इन चुनौतियों को नजरंदाज किये जाने की परिपाटी से उलट अब भारतीय सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा के किसी भी तरह के उल्लंघन का निर्णायक ढंग से जवाब देती हैं। उन्होंने कहा था, ‘ उन्हें रोकते हैं, उन्हें टोकते हैं’। सर्वदलीय बैठक को यह भी जानकारी दी गयी थी कि इस बार चीनी सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बड़ी संख्या में आयी है और भारत ने भी इसके अनुरूप कदम उठाया है।
टिप्पणियों पर स्पष्टीकरण जारी किया
सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उन टिप्पणियों पर स्पष्टीकरण जारी किया कि कोई भी भारतीय क्षेत्र में नहीं घुसा और न ही किसी भारतीय चौकी पर कब्जा किया गया। प्रधानमंत्री मोदी की वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय सीमा की ओर चीनी सेना की कोई मौजूदगी न होने वाली टिप्पणियां सशस्त्र बलों की वीरता के बाद के हालात से जुड़ी हैं। सैनिकों के बलिदानों ने ढांचागत निर्माण और 15 जून को गलवान में अतिक्रमण की चीन की कोशिशों को नाकाम कर दिया यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसे समय में प्रधानमंत्री की टिप्पणियों पर अनावश्यक विवाद पैदा किया जा रहा है जब वीर सैनिक हमारी सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं। सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री की टिप्पणियां गलवान में 15 जून को हुई घटनाओं पर केंद्रित थी जिसमें 20 सैनिकों को जान गंवानी पड़ी।