
नई दिल्लीः अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में आई भारी गिरावट की वजह से बीते दिन देश की संसद में विपक्ष ने जमकर हंगामा मचाया। गिरते शेयरों की वजह से अडानी ग्रुप के मार्केट कैपिटलाइजेशन में भारी गिरावट आई है। अडानी के मामले पर मचे बवाल पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अब बड़ा बयान दिया है। वित्त मंत्री ने कहा है कि भारत की स्थिति किसी भी तरह से प्रभावित नहीं हुई है।
‘एफपीओ का आना-जाना लगा रहता है’
उन्होंने कहा कि हमारा विदेशी मुद्रा भंडार पिछले दो दिनों में बढ़कर 8 मिलियन डॉलर हो गया है। एफआईआई का आना-जाना और एफपीओ का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन अडानी के मामले से भारत की छवि और स्थिति प्रभावित नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि नियामक अपना काम करेंगे। रिजर्व बैंक ने अपना बयान जारी कर दिया है। उन्होंने कहा कि पहले भी एफपीओ वापस लिए गए हैं। शुक्रवार को संसद में विपक्षी सदस्य अडानी ग्रुप के मुद्दे पर चर्चा और संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराए जाने की मांग कर रहे थे।
नजर बनाए हुए है रिजर्व बैंक
भारतीय रिजर्व बैंक ने निवेशकों की चिंताओं को दूर करते हुए कहा था कि देश की बैंकिंग प्रणाली लचीली और स्थिर बनी हुई है। आरबीआई ने कहा कि वह सतर्क है और देश के बैंकिंग क्षेत्र की स्थिरता की निगरानी करना जारी है। आरबीआई की ओर से कहा गया है कि नियामक और पर्यवेक्षक के रूप में आरबीआई वित्तीय स्थिरता बनाए रखने की दृष्टि से बैंकिंग क्षेत्र और व्यक्तिगत बैंकों पर निरंतर निगरानी रखता है।