धनखड़ के खिलाफ ‘इंडिया’ लाया अविश्वास प्रस्ताव | Sanmarg

धनखड़ के खिलाफ ‘इंडिया’ लाया अविश्वास प्रस्ताव

संसदीय इतिहास में पहली बार सभापति के खिलाफ विपक्ष में अविश्वास प्रस्ताव
नयी दिल्ली : भारत के संसदीय इतिहास में पहली बार राज्यसभा के किसी सभापति के खिलाफ विपक्ष में अविश्वास प्रस्ताव रखा है। विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के सभी घटक दलों के राज्यसभा सांसदों ने हस्ताक्षर करके मंगलवार को राज्यसभा के महासचिव को अविश्वास प्रस्ताव दे दिया। ‘इंडिया’ के घटक दलों का कहना है कि सभापति जगदीप धनखड़ उच्च सदन की कार्यवाही का संचालन अति पक्षपात पूर्ण तरीके से करते हैं इसलिए सभी घटक दलों को संसदीय लोकतंत्र के हित में अभूतपूर्व कदम उठाते हुए उनके खिलाफ औपचारिक रूप से अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा।
शायद अविश्वास प्रस्ताव इस सत्र में स्वीकार न किया जाये

संसद के शीतकालीन सत्र में पहले दिन से ही दोनों सदनों में गतिरोध जारी है। लगभग हर रोज विपक्षी सांसदों और सभापति में कहासुनी होती है। राज्यसभा में भारी हंगामे के बाद सभापति ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। ‘इंडिया’ के सांसदों ने दोपहर लगभग डेढ़ बजे प्रस्ताव सौंपा। कांग्रेस के एक सांसद के अनुसार प्रस्ताव पर 67 से 70 सांसदों ने हस्ताक्षर किये हैं। राज्यसभा में इससे पहले ऐसा कोई उदाहरण नहीं है लेकिन नियम के अनुसार यदि विपक्ष के 50 से ज्यादा सांसद हस्ताक्षर करते हैं तो अविश्वास प्रस्ताव 14 दिन के भीतर चर्चा के लिए स्वीकार करना ही पड़ेगा। विपक्ष को भी ये आशंका है कि शायद अविश्वास प्रस्ताव इस सत्र में स्वीकार न किया जाये क्योंकि अब शीतकालीन सत्र के केवल 9 दिन बचे हैं। वैसे मानसून सत्र में भी विपक्ष ने सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की पूरी तैयारी कर ली थी लेकिन सरकार ने 12 अगस्त को समाप्त होने वाला सत्र तीन दिन पहले 9 अगस्त को ही समाप्त कर दिया था।
अविश्वास प्रस्ताव लाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था : रमेश

‘इंडिया’ के घटक दलों ने धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद से हटाने के लिए प्रस्ताव लाने संबंधी नोटिस मंगलवार को सौंप दिया। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि धनखड़ के ‘अत्यंत पक्षपातपूर्ण तरीके से राज्यसभा की कार्रवाई संचालित करने’ के कारण यह कदम उठाना पड़ा है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया कि सभापति द्वारा अत्यंत पक्षपातपूर्ण तरीके से उच्च सदन की कार्यवाही का संचालन करने के कारण ‘इंडिया’ के सभी घटक दलों के पास उनके खिलाफ औपचारिक रूप से अविश्वास प्रस्ताव लाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने कहा कि ‘इंडिया’ की पार्टियों के लिए यह बेहद ही कष्टकारी निर्णय रहा है लेकिन संसदीय लोकतंत्र के हित में यह कदम उठाना पड़ा है। उन्होंने बताया कि यह प्रस्ताव अभी राज्यसभा के महासिचव को सौंपा गया है। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सहित कांग्रेस के कई सदस्यों ने सोमवार को सभापति जगदीप धनखड़ पर राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान ‘पक्षपातपूर्ण रवैया’ अपनाने का आरोप लगाया था।विपक्ष के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि सभापति का आचरण अस्वीकार्य है। वे भाजपा के किसी प्रवक्ता से ज्यादा वफादार दिखने का प्रयास कर रहे हैं।
बीजद आवश्यक कदम उठायेगा : पटनायक

हालांकि बीजू जनता दल (बीजद) के सांसदों ने प्रस्ताव पर हस्ओताक्डिष्षर नहीं किये हैं लेकिन बीजद के अध्यक्ष नवीन पटनायक ने मंगलवार को कहा कि धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के ‘इंडिया’ के संभावित कदम पर उनकी पार्टी ‘आवश्यक कदम’ उठायेगी। ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री पटनायक ने हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया कि अगर राज्यसभा में धनखड़ के खिलाफ कोई अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है तो बीजद उसका समर्थन करेगा या नहीं। राज्यसभा में बीजद के सात सदस्य हैं।

 

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