
धर्मशाला : तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा उत्तराधिकारी के बाबत पूछे जाने पर हमेशा अपने बयान को लेकर चर्चा में रहते हैं। इस बार उनका कहना है कि भविष्य में अगला दलाई लामा भारत से हो सकता है। चीन से निर्वासन के बाद 60 सालों से भारत में शरणार्थी जीवन बिता रहे दलाई लामा ने साेमवार को कहा कि संभव है कि उनकी मौत के बाद उनका अगला अवतार भारत में हो। उन्होंने साफ किया कि उनका उत्तराधिकारी चीन नहीं होगा। उन्होंने यह बात अपने निर्वासन के 60 साल पूरे होने के एक दिन बाद कही।
दो दलाई लामा हो सकते हैं
अपने उत्तराधिकारी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने हंसते हुए कहा ‘भविष्य में, दो दलाई लामा हो सकते हैं, एक यहां मुक्त देश से और एक चीनी द्वारा चुना हुआ। चीन द्वारा चुना गया दलाई लामा का कोई भी सम्मान नहीं करेगा। यह चीन के लिए एक अतिरिक्त समस्या है ! यह संभव है, यह हो सकता है।’ साथ ही उन्होंने कहा कि मुझसे ज्यादा चीन को अगले दलाई लामा की चिंता है।
उत्तराधिकारी को मंजूरी देने का अधिकार
दरअसल चीन ने कहा है कि उसके पास दलाई लामा के उत्तराधिकारी को मंजूरी देने का अधिकार है। उसे यह विरासत में मिला है। 1935 में जन्में दलाई लामा को महज दो साल की उम्र में यह उपाधि दी गई थी।
अलग-अलग बयान देते रहे हैं
दलाई लामा अपने उत्तराधिकारी के मुद्दे पर हर बार अलग-अलग बयान देने को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। उन्होंने साल 2018 के दिसंबर में कहा था कि उत्तराधिकारी चुनने के बारे में उनकी स्वाभाविक मृत्यु के बाद एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के माध्यम से इसपर फैसला लिया जाना चाहिए। इससे पहले उन्होंने कहा था कि वह इसका फैसला 90 साल के होने के बाद लेंगे।
बता दें कि वर्ष 1959 में चीनी शासन के खिलाफ हुये एक विद्रोह के बाद दलाई लामा ने भारत में शरण ली और तब से वह यहीं से बौद्ध धर्म और तिब्बती लोगों के अधिकारों के लिए काम कर रहे हैं। वर्ष 1950 में तिब्बत पर कब्जा करने वाला चीन 83 साल की उम्र पूरी कर चुके और नोबल शांति पुरस्कार विजेेता को एक खतरनाक अलगाववादी मानता है। हालांकि चीन में दलाई लामा के अवतार को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।