
गुवाहाटीः असम के 3 बार मुख्यमंत्री (वर्ष 2001 से 2016 तक) रहने वाले तरूण गोगोई ने दावा किया कि एनआरसी की परिकल्पना उन्हीं की थी लेकिन भाजपा इसे ठीक तरह से संभालने में विफल रही जिसके कारण एक दोषपूर्ण मसौदा प्रकाशित किया गया जिसमें 40 लाख से अधिक लोगों का नाम छूट गया।
पूर्व मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से साथ एक साक्षात्कार में आरोप लगाया कि भाजपा की दिलचस्पी घुसपैठ की समस्या हल करने में नहीं बल्कि अगले लोकसभा और राज्य विधानसभा के चुनावों में एक चुनावी एजेंडा के रूप में इसका इस्तेमाल करना है। भाजपा ने विदेशियों के मुद्दे पर हमेशा सांप्रदायिक आधार पर राजनीति की है। चुनावों से पहले हमेशा घुसपैठ का मुद्दा उठाया जाता है और एक बार फिर यह अगले चुनाव में भी उठाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि एक सही और अद्यतन एनआरसी की महत्ता से इंकार नहीं किया जा सकता क्योंकि भविष्य में विदेशी के रूप में पहचान किये जाने वाले व्यक्तियों को राज्यविहीन या दूसरे दर्जे का नागरिक घोषित किया जाएगा जिन्हें भूमि का अधिकार देने से इनकार किया जाएगा और उनके लिए कराधान का दर बहुत अधिक हो जाएगी।