
नई दिल्लीः निर्भया मामले में अब दोषियों ने नया पैंतरा अपनाया है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दी है। इसमें अलग-अलग विचाराधीन मामलों का हवाला देते हुए कहा गया है कि फांसी रोक दी जाए। साथ ही दोषियों ने अपनी याचिका में कोरोना वायरस का जिक्र करते हुए कहा कि महामारी के समय में उन्हें फांसी नहीं दी जानी चाहिए। यह उचित समय नहीं है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को निर्भया मामले के दोषी पवन गुप्ता की उस सुधारात्मक याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने खुद को नाबालिग बताया था।
बता दें कि इन चारों दोषियों को शुक्रवार सुबह 5.30 बजे फांसी दी जानी है। इससे पहले दोषी अलग-अलग याचिकाएं दाखिल कर खुद को फंदे से बचाने की कोशिश कर रहे हैं।
क्यूरेटिव, दया याचिका खारिज
गुरुवार को एक दोषी पवन गुप्ता की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज हो गई। वहीं, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पवन और अक्षय ठाकुर की दूसरी दया याचिका भी नामंजूर कर दी। सरकारी वकील ने काेर्ट में बताया कि चारों दोषियों के पास अदालत में अब कोई विकल्प बाकी नहीं है। उधर, दोषी मुकेश सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने उसकी अगली याचिका खारिज कर दी। मुकेश ने दावा किया है कि गैंगरेप के वक्त वह दिल्ली में ही नहीं था। इससे यह तय हो गया है कि शुक्रवार को इन दोषियों को फांसी दी जा सकती है।
पवन जल्लाद ने पुतलों पर अभ्यास किया
इससे पहले दिल्ली की तिहाड़ जेल में निर्भया मामले के चारों दोषियों को फांसी देने के लिए पवन जल्लाद ने बुधवार को पुतलों को फांसी देकर अभ्यास किया। इस रस्सी का इस्तेमाल दोषियों को फांसी के फंदे पर लटकाने के लिए होगा। तिहाड़ जेल के इतिहास में यह पहली बार होगा जब एक ही अपराध के लिए एक ही समय पर चार दोषियों को फांसी दी जाएगी। पवन अपने परिवार में तीसरे पीढ़ी के जल्लाद हैं।