
इस्लामाबाद : पाकिस्तानी नेता झूठ बोलने और अपनी मक्कारी में दुनिया में सबसे आगे हैं। इस बार नंबर पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी का है। उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा कि उनके देश को विश्वास बहाली के उपाय के रूप में ‘जांच के दायरे में आए व्यक्तियों’ को भारत को प्रत्यर्पित करने में कोई आपत्ति नहीं है बशर्ते भारत इस प्रक्रिया में सहयोग करने की इच्छा दिखाए।
आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) प्रमुख हाफिज सईद और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) प्रमुख मसूद अजहर के ठिकानों के बारे में पूछे जाने पर बिलावल ने झिझकते हुए कहा कि सईद जेल में है। अजहर महमूद को लेकर उन्होंने कहा कि वे नहीं जानते कि वह कहां है। हालांकि पाकिस्तानी सरकार का मानना है कि अजहर अफगानिस्तान में है। हालांकि ऐसी कई रिपोर्ट्स सामने आई है जिसमें दोनों आतंकी सरगना पाकिस्तान में देखे गए हैं।
भारत मसूद अजहर को मोस्ट वांटेड आतंकवादियों में से एक मानता है। वह 2001 के संसद हमले, 26/11 मुंबई हमलों, 2016 के पठानकोट हमले और 2019 के पुलवामा हमले में शामिल रहा है। अजहर को 2019 में संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था। 1999 में कंधार विमान अपहरण के बाद उसे IC-814 के यात्रियों के बदले रिहा किया गया था। बिलावल ने कहा कि पाकिस्तान के साथ एक व्यापक वार्ता के हिस्से के रूप में, जहां आतंकवाद उन मुद्दों में से एक है जिन पर हम चर्चा करते हैं, मुझे यकीन है कि पाकिस्तान इनमें से किसी भी चीज का विरोध नहीं करेगा।