
नई दिल्ली : शीर्ष न्यायालय ने टेलकॉम कंपनियो को फटकार लगाते हुए कहा है कि एजीआर बकाए को लेकर वे खुद आकलन न करें, इसे अवमानना माना जा सकता है। न्यायालय ने कहा कि “क्या हम मूर्ख है’। ये कोर्ट के सम्मान की बात है क्या टेलीकॉम कंपनियां को लगता है कि वो संसार में सबसे शक्तिशाली हैं। बता दें कि सोमवार को वोडाफोन आइडिया ने कहा कि उसने टेलीकॉम डिपार्टमेंट को अतिरिक्त 3,354 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। कंपनी ने कहा है कि खुद के आकलन के मुताबिक उसने एजीआर बकाए की मूल राशि का पूरा भुगतान कर दिया है। एजीआर बकाए को लेकर अबतक सरकार को कंपनी ने 6,854 करोड़ रुपये दिए हैं।
न्यायालय ने फटकार लगाते हुए दी यह चेतावनी
शीर्ष न्यायालय ने कहा कि जो हो रहा वह बेहद चौंकाने वाला है। साथ ही, न्यायालय ने फटकार लगाते हुए सभी टेलीकॉम कंपनियों के एमडी को जेल भेजने की चेतावनी भी दी है। न्यायालय ने इस दौरान मीडिया पर नाराजगी जाताते हुए कहा कि इस मामले में गलत रिपोर्टिंग हो रही है। अगर ऐसा ही होता रहा तो मीडिया संस्थानों को नोटिस जारी करेंगे। न्यायालय ने दो टूक कहा कि की बकाया राशि का पुनर्मूल्यांकन नही होगा।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने एजीआर बकाए को लेकर वोडाफोन आइडिया से करीब 53 हजार करोड़ रुपये की मांग की है। इसमें ब्याज, जुर्माना और राशि के भुगतान में की गई देरी पर ब्याज भी शामिल है। कंपनी ने 17 फरवरी को 2,500 करोड़ रुपये और 20 फरवरी को 1000 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। कंपनी ने कहा कि वह एजीआर देनदारी पर स्वआकलन रिपोर्ट टेलीकॉम डिपार्टमेंट को छह मार्च को सौंप चुकी है।
कितना है कंपनियों पर कुल बकाया
बता दें कि टेलीकॉम विभाग के प्रति इन कंपनियों का करीब 1.63 लाख करोड़ रुपये बकाया है। इसमें कंपनियों का लाइसेंस फीस तथा स्पेक्ट्रम यूसेज चार्ज शामिल है। लाइसेंस के तौर पर बकाया रकम 92,642 करोड़ रुपये और स्पेक्ट्रम यूसेज चार्ज के तौर पर 70,869 करोड़ रुपये बकाया है। टेलीकॉम विभाग के प्रति सबसे अधिक बकाया भारती एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया का है।