
नयी दिल्ली : भारतीय विमान जल्द ही पाकिस्तान के एयर स्पेस (हवाई क्षेत्र) से होकर गुजर सकेंगे। सूत्रों की मानें तो पाक ने अपने हवाई क्षेत्र को सोमवार देर रात से सभी तरह की असैन्य उड़ानों के लिए खोल दिया है। इसके साथ ही फरवरी में हुए बालाकोट हवाई हमले के बाद पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में भारतीय उड़ानों पर लगा प्रभावी प्रतिबंध भी समाप्त हो गया है।
देेर रात नोटिस जारी किया
सूत्रों ने बताया कि ‘‘पाकिस्तान ने आज रात 12 बजकर 41 मिनट से सभी विमानन कंपनियों को अपने हवाई क्षेत्र से उड़ान भरने की अनुमति दे दी है। भारतीय विमानन कंपनियां जल्दी ही पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र से होते हुए अपने सामान्य रूट से उड़ानें शुरू कर सकेंगी।’’ पाकिस्तान के नागर विमानन प्राधिकरण ने भारतीय समयानुसार देर रात 12 बजकर 41 मिनट पर एयरमैन (एनओटीएएम) को एक नोटिस जारी कर कहा कि ‘‘पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र को सभी ज्ञात एटीएस रूट पर सभी असैन्य उड़ानों के लिए तत्काल प्रभाव से खोला जाता है।’’
एयर इंडिया को होगा सबसे ज्यादा फायदा
पाक के इस कदम से सबसे ज्यादा फायदा एयर इंडिया को होगा। भारतीय विमानों के लिए पाकिस्तानी एयर स्पेस बंद होने के कारण एयर इंडिया को लगातार आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस साल के फरवरी से अभी तक कंपनी को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों, खास तौर से अमेरिका और यूरोप को जाने वाली उड़ानों, को दूसरे रास्ते से ले जाना पड़ रहा है। दूसरे हवाई मार्ग से जहां यात्रियों का सफर लंबा हो रहा है वहीं कंपनी को करीब 491 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
एयर स्ट्राइक के बाद बंद किया था एयर स्पेस
दरअसल, पाकिस्तान ने 26 फरवरी को बालाकोट में आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रशिक्षण शिविर पर भारतीय वायुसेना के एयर स्ट्राइक के बाद से अपने एयर स्पेस को पूरी तरह बंद कर दिया था। भारत ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) के काफिले पर 14 फरवरी को हुए आत्मघाती हमले के विरोध में यह कदम उठाया था। पुलवामा हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। हालांकि उसके बाद से पाकिस्तान ने एयर स्पेस के ज्ञात 11 रूट में से सिर्फ दो खोले थे जो देश के दक्षिणी हिस्से से होकर गुजरते थे।
गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना ने 31 मई को कहा था कि बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद भारतीय एयर स्पेस पर लगे अस्थाई प्रतिबंध को हटा लिया गया है। हालांकि इससे व्यावसायिक उड़ानों को ज्यादा लाभ नहीं हुआ क्योंकि उन्हें पाकिस्तानी एयर स्पेस के पूरी तरह खुलने का इंतजार था।