

कोलकाता : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के ईस्टर्न जोनल बेंच, कोलकाता ने हावड़ा भगाड़ में कचरे के बढ़ते ढेर पर सख्त रुख अपनाते हुए सॉलिड वेस्ट और सीवेज प्रबंधन पर विस्तृत कार्ययोजना पेश करने का निर्देश दिया है। यह मामला पर्यावरणविद डॉ. सुभाष दत्ता ने किया था। सुनवाई में न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य ईश्वर सिंह की पीठ ने हावड़ा नगर निगम की आयुक्त द्वारा दायर अंतरिम आवेदन पर आदेश पारित किया। ट्रिब्यूनल ने 29 मई 2025 के आदेश में आयुक्त के खिलाफ की गई प्रतिकूल टिप्पणियों को हटाने को स्वीकार कर लिया, लेकिन उनकी व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट देने से इनकार कर दिया।
मांगी गयी विस्तृत कार्य योजना
एनजीटी ने हावड़ा के जिला मजिस्ट्रेट, हावड़ा नगर निगम और कोलकाता मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी को निर्देश दिया कि वे पुराने कचरे की सफाई, ठोस अपशिष्ट और सीवेज प्रबंधन से जुड़ी विस्तृत कार्ययोजना, अब तक की गई कार्रवाई, आगे की योजना, परियोजनाएं, बजटीय प्रावधान और तय समय सीमा सहित विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करें।साथ ही, पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सुप्रीम कोर्ट के 4 अगस्त 2025 के आदेश के अनुरूप पर्यावरणीय मुआवजा लगाने के लिए कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।
व्यक्तिगत या वर्चुअल उपस्थिति अनिवार्य
ट्रिब्यूनल ने अगली सुनवाई 8 दिसंबर 2025 को तय करते हुए शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव, हावड़ा के जिला मजिस्ट्रेट, नगर निगम आयुक्त और केएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित रहने का आदेश दिया है।