
नई दिल्ली : भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को उन्नाव में साल 2017 में नाबालिग लड़की के अपहरण और दुष्कर्म का दोषी करार दिया है। जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने इस मामले में एक अन्य आरोपी शशि सिंह को सभी आरोपों से बरी कर दिया। अदालत सेंगर को बुधवार को सजा सुनाएगी। सेंगर को आईपीसी के तहत दुष्कर्म और पोक्सो अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया है। बता दें कि सेंगर ने साल 2017 में एक युवती का कथित तौर पर अपहरण करने के बाद उससे बलात्कार किया था। उस समय युवती नाबालिग थी।
भाजपा ने सेंगर को पार्टी से किया था निष्कासित
उत्तरप्रदेश की बांगरमऊ विधानसभा सीट से चौथी बार विधायक बने सेंगर को इस मामले के बाद अगस्त 2019 में भाजपा से निष्कासित कर दिया गया था। अदालत ने 9 अगस्त को विधायक और सिंह के खिलाफ आपराधिक षडंत्र, अपहरण, बलात्कार और पोक्सो कानून से संबंधित धाराओं के तहत आरोप तय किए थे। सेंगर पर आरोप लगाने वाली युवती की कार को 28 जुलाई में एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी, जिसमें वह गंभीर रूप से जख्मी हो गई थी। दुर्घटना में युवती की दो रिश्तेदार मारी गईं और उसके परिवार ने इसमें षडयंत्र होने के आरोप लगाए थे।
दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित मामला
शीर्ष न्यायालय ने उन्नाव बलात्कार मामले में दर्ज सभी 5 मामलों को 1 अगस्त को उत्तरप्रदेश में लखनऊ की अदालत से दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित करते हुए निर्देश दिया कि रोजाना आधार पर सुनवाई की जाए और इसे 45 दिनों के अंदर पूरा किया जाए। न्यायालय ने यह व्यवस्था पीड़िता द्वारा भारत के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को लिखे पत्र पर संज्ञान लेते हुए दी थी।
युवती को दी गई सीआरपीएफ सुरक्षा
बलात्कार मामले में बंद कमरे में हुई सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष के 13 गवाहों और बचाव पक्ष के 9 गवाहों से जिरह हुई। बलात्कार पीड़िता का बयान दर्ज करने के लिए यहां स्थित एम्स अस्पताल में एक विशेष अदालत भी बनाई गई। पीड़िता को लखनऊ के एक अस्पताल से हवाई एंबुलेन्स के जरिये दिल्ली में भर्ती कराया गया था। शीर्ष न्यायालय के आदेशों पर युवती और उसके परिवार को सीआरपीएफ की सुरक्षा दी गई है।