
कोलकाता : भारत के साथ दुनिया के अन्य हिस्सों जैसे- एशिया, यूरोप, अफ्रीका और रूस में आज रात को आंशिक चंद्रग्रहण देखा जाएगा। तारा-भौतिकविद् देबी प्रसाद दुआरी ने बताया कि यह खगोलीय घटना 29 अक्टूबर की सुबह तक जारी रहेगी। पश्चिम बंगाल में लोग शनिवार रात को लक्ष्मी पूजा करेंगे। उन्हाेंने आगे कहा ‘28 अक्टूबर की रात को आंशिक चंद्रग्रहण लगने जा रहा है जिसे भारत के साथ ही पूरे एशिया, यूरोप, अफ्रीका और रूस के लोग देख सकते हैं। यह चंद्रग्रहण 28 अक्टूबर की देर रात को लगेगा और 29 अक्टूबर को तड़के तक जारी रहेगा।’
कैसा होगा यह चंद्रग्रहण?
28 अक्टूबर को चंद्रमा में कुछ देर के लिए पृथ्वी की छाया से आंशिक रूप से ग्रहण लगेगा और इससे भारत में लोगों को आंशिक रूप से चंद्रग्रहण देखने का मौका मिलेगा। चंद्रग्रहण को पृथ्वी की छाया में आ रहे चंद्रमा की दो अवस्थाओं के रूप में पहचाना जाता है। जब वह पृथ्वी के आंशिक रूप से छाया वाले हिस्से में प्रवेश करता है तो इसे उपछाया ग्रहण कहा जाता है और उस वक्त चंद्रमा की रोशनी आंशिक रूप से दिखाई देती है। ‘चंद्रमा की रोशनी में बदलाव ज्यादा दिखाई नहीं देता। इस चरण के बाद चंद्रमा पृथ्वी की छाया के अधिक गहरे हिस्से में आंशिक रूप से प्रवेश करता है, जिसे पूर्ण चंद्रग्रहण कहा जाता है और ज्यादातर लोग इसे असली ग्रहण मानते हैं।’ 28 अक्टूबर की रात को उपछाया चंद्रग्रहण भारतीय समयानुसार रात करीब 11 बजकर 31 मिनट पर शुरू होगा, लेकिन आंशिक पूर्ण चंद्रग्रहण 28 अक्टूबर को देर रात करीब एक बजकर पांच मिनट पर शुरू होगा। यह देर रात करीब 1 बजकर 44 मिनट पर सबसे ज्यादा दिखेगा और दो बजकर 23 मिनट पर खत्म हो जाएगा।
पहले भी देखा गया था सूर्यग्रहण
बता दें कि इससे पहले, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका में 14 अक्टूबर को दुर्लभ सूर्यग्रहण ‘रिंग ऑफ फायर’ देखा गया था। यह उस वक्त हुआ था, जब भारत और एशिया में रात थी और इस क्षेत्र के लोग इसे नहीं देख पाए थे। वह अमावस्या का दिन था और नवरात्रि की शुरुआत हुई थी। पश्चिम बंगाल और उसके आसपास के इलाकों में यह महालया का दिन था जब लोग अपने पूर्वजों को तिरांजली देते हैं।
क्या होता है चंद्र ग्रहण?
बता दें कि चंद्र ग्रहण एक खगोलीय गतिविधि है। जब सूर्य और चंद्रमा के बीच में पृथ्वी आ जाती है और चंद्रमा को अपनी छाया से ढक लेती है तब चंद्रमा का कुछ भाग लुप्त हो जाता है। यानी छाया के कारण चंद्रमा का यह भाग स्पष्ट दिखाई नहीं देता है, इसी खगोलीय घटना को ही चंद्र ग्रहण कहते हैं। चंद्र ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं- पूर्ण, आंशिक और उपच्छाया चंद्र ग्रहण।