खौफ जमाकर ठग रहे हैं जालसाज
महानगर में अब तक दो ऐसी घटनाओं को लेकर एफआईआर दर्ज
कोलकाता : नयी टेक्नोलॉजी ने जहां हमारी जिंदगी आसान और बेहतर की है तो वहीं इन टेक्नोलॉजी के दुरुपयोग ने कई मुश्किलें भी खड़ी की हैं। उन्हीं मुश्किलों में एक है तेजी से बढ़ता साइबर फ्रॉड। तमाम सावधानियों के बावजूद लोग इसके शिकार हो रहे हैं। साइबर ठगों ने अब ठगी का एक नया तरीका खोज लिया है। अगर आपको भी किसी अंजान नंबर से फोन आता है और कहा जाता है कि आपका बेटा या बेटी किसी कांड में फंस गया है और उसे बचाने के एवज में आपको पैसे भेजने होंगे, तो आप तुरंत घबराहट में कोई फैसला मत लीजिए। ये साइबर ठग के फोन हो सकते हैं जिसके रडार पर आपका बैंक खाता है। ये आपको झांसे में रखकर आपसे पैसे ऐंठ लेंगे। ऐसे कई मामले आए दिन बिहार में सामने आ रहे हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार बीते एक महीने में अब तक दो एफआईआर कोलकाता पुलिस के साइबर क्राइम थाने में दर्ज करायी गयी है। पुलिस दोनों ही मामलों की जांच कर रही है।
पिता के पास आया बेटी की गिरफ्तारी वाला कॉलः दिन के सवा 11 बजे थे, कोलकाता के सतीष कुमार (नाम बदला हुआ) अपनी पत्नी के साथ घूमने के लिए उत्तर भारत गये हुए थे। वे लोग होटल के बाहर निकले थे तभी उनके मोबाइल फोन की घंटी बजी। सतीष ने फोन उठाया, अनजान नंबर से व्हाट्सअप कॉल थी और फोन करनेवाले ने सतीष को ऐसी जानकारी दी कि उनके पैरों तले जमीन खिसक गयी। फोन करनेवाले ने खुद को पुलिस इंस्पेक्टर बताते हुए सतीष कुमार की बेटी को गिरफ्तार करने का दावा किया।
ड्रग्स रखने आरोप में गिरफ्तारी की बात बताईः फोन करनेवाले ने बताया कि कोलकाता के एक नामी कॉलेज में पढ़नेवाली आपकी बेटी को लाखों रुपये के ड्रग्स के साथ गिरफ्तार किया गया है और आप अपनी बेटी की सलामती चाहते हैं तो जल्दी से जल्दी रुपये भेजिये वरना आपकी बेटी केस कर जेल भेज दिया जाएगा।
फोन पर नहीं हुई बेटी से बात तो जालसाज की बात पर हुआ भरोसा : फोन पर ऐसी खबर सुनते ही सतीष के तो होश उड़ गये। उन्होंने तत्काल पूछा कि आप किस थाने से बोल रहे हैं, । हालांकि राज्य से बाहर होने के कारण उन्होंने वहां पहुंचने में अमसर्थता जतायी। इस बीच सतीष ने अपनी बेटी को कॉल किया तो करीब एक घंटे तक उसका मोबाइल नंबर बंद पाया। ऐसे में सतीष को यकीन हो गया कि सच में उसकी बेटी को पुलिस ने पकड़ लिया है । इसके बाद जालसाज के कहने पर उसके द्वारा दिए गए बैंक अकाउंट में उसने 50 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिया तोड़ी देर बाद जालसाज दोबारा और रुपये मांगने लगा। इस बीच सतीष की बेटी ने उन्होंने फोन किया और कहा कि वह सलामत है और उसे किसी ने नहीं गिरफ्तार किया है।
साइबर क्राइम थाने में दर्ज कराया केसः इसके बाद सतीष कुमार को ठगी का अहसास हुआ और पूरी घटना से पुलिस को अवगत कराते हुए लिखित शिकायत दी। सतीष कुमार की ओर से कोलकाता पुलिस के साइबर क्राइम थाने में दी गई जानकारी के मुताबिक उनके पास +92 वाले से कॉल आया था। यहां बता दें कि +92 पाकिस्तान का कंट्री कोड है।