कोलकाता : ईस्ट-वेस्ट मेट्रो यानी ग्रीन मेट्रो बिना ड्राइवर के दौड़ेगी, क्योंकि कोलकाता मेट्रो ने अब दिल्ली मेट्रो समेत देश की अत्याधुनिक मेट्रो के तर्ज पर ऑटोमेटिक ट्रेन ऑपरेशन सिस्टम अपना लिया है। इसकी शुरुआत ग्रीन मेट्रो की चालू परियोजना साल्टलेक सेक्टर 5 से लेकर सियालदह के बीच होगी। इस बारे में मेट्रो के जीएम पी. उदय रेड्डी ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि मेट्रो बिना किसी ड्राइवर के ऑटोमेटिक ट्रेन ऑपरेशन मोड पर चलाई जाएगी और ट्रेन आपरेटर की जिम्मेदारी सिर्फ स्टेशन पर डोर ओपन और क्लोज करने की होगी। इसका ट्रायल किया जा चुका है। साथ ही सुरक्षा के दृष्टिकोण से कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी ने इसे लेकर क्लियेरेंस भी दे दिया है। ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कोरिडोर पूरी तरह से सीबीसीटीसी यानी कम्यूनिकेशन बेस्ड ट्रेन कंट्रोल सिस्टम से चलेगा। इस सिस्टम में ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन, ऑटोमेटिक ट्रेन ऑपरेशन एवं ऑटोमेटिक ट्रेन सुपरविजन सुविधा होगी। जीएम ने बताया कि मेट्रो संचालन के क्षेत्र में ऑटोमैटिक ट्रेन ऑपरेशन मोड सबसे सुरक्षित और कुशल तरीकों में से एक है।
ट्रेन में हर वक्त मौजूद रहेगा ऑपरेटर
शहर की मेट्रो में एटीओ सेवा शुरू होने के बाद यात्री सेवाओं के दौरान ट्रेन में हमेशा ट्रेन ऑपरेटर अर्थात मोटर मैन मौजूद रहेगा। एटीओ मोड में ट्रेन अपनी डिजाइन गति से चलेगी और एक बार स्टेशन पर पहुंचने के बाद, ट्रेन ऑपरेटर यात्रियों के सुरक्षित निकास के लिए बटन दबाकर गेट खोलगा व उस स्टेशन से ट्रेन पर सवार होने वाले यात्रियों के सुरक्षित आगमन को सुनिश्चित करने के बाद गेट बंद करेगा। गेट बंद होने के बाद ट्रेन पुन: एटीओ मोड में अगले स्टेशन की ओर बढ़ेगी। हालांकि आपातकालीन स्थिति में भी मोटरमैन ट्रेन में एक्टिव होंगे। कम्यूनिकेशन बेस्ड ट्रेन कंट्रोल सिस्टम (सीबीटीसी) मेट्रो संचालन हेतु प्रयोग किया जाने वाला उन्नत सिग्नलिंग सिस्टम है। सीबीटीसी मेट्रो कॉरिडोर में यातायात प्रबंधन के नियंत्रण के लिए ट्रेन और ट्रैक उपकरण के बीच दूरसंचार का उपयोग करती है।