
नई दिल्ली : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) ने बुधवार दोपहर 3 बजकर 25 मिनट पर भारतीय उपग्रह रीसैट-2बीआर1 और चार अन्य देशों के 9 सैटेलाइट का प्रक्षेपण किया। आंध्र प्रदेश स्थित श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से यह प्रक्षेपण किया गया जिसमें पीएसएलवी-सी48 रॉकेट का प्रयोग किया गया। बता दें कि रीसैट-2बीआर1 रडार इमेजिंग अर्थ ऑब्जर्वेशन उपग्रह है। इसमें विषम परिस्थितियों जैसे अंधेरा या बादल छाए रहने के दौरान भी स्पष्ट तस्वीरें खींचने की क्षमता है। जिन 9 उपग्रहों को इसरो ने प्रक्षेपित किया हैै उनमें अमेरिका के 6 उपग्रह हैं और जापान, इटली तथा इजराइल के एक-एक नैनो उपग्रह शामिल हैैं।
घुसपैठ या आतंकी गतिविधि रोकने में होगा उपयोगी
रीसैट-2बीआर1 की कार्य क्षमता पांच वर्ष की होगी। इसके जरिए रडार इमेजिंग की गुणवत्ता बढ़ेगी। इसमें 0.35 मीटर रिजोल्यूशन का कैमरा है जिसकी मदद से दूर पड़ी दो वस्तुओं मेें फर्क को साफ तौर पर पहचान सकता है और तस्वीर ले सकता है। इसकी मदद से भारतीय सेना और सुरक्षाबलों को देश की सीमा पर निगरानी करने में आसानी होगी। किसी भी घुसपैठ या आतंकी गतिविधि रोकने में यह उपयोगी होगा। इस उपग्रह का भार 628 किलोग्राम है। इसे धरती से 578 किलोमीटर दूर इस उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करने की योजना है।
सुरक्षा एजेंसी को चार रीसैट की आवश्यकता
उल्लेखनीय है कि इसी महीने इसरो रीसैट श्रृंखला के अगले उपग्रह रीसैट-2बीआर2 को भी प्रक्षेपित करने की तैयारी कर रहा है। लेकिन फिलहाल यह तय नहीं कि इनका प्रक्षेपण किस दिन किया जाएगा। सुरक्षा एजेंसियों को कम से कम चार रीसैट की आवश्यकता है ताकि वे एक दिन में किसी एक जगह की सटीक निगरानी कर सकें। इसरो 6 मार्च 2020 तक 13 मिशन की योजना पर काम करेगा जिनमें 6 बड़े व्हीकल और 7 उपग्रह मिशन शामिल हैं।
तीन इजरायली छात्र भी लॉन्चिंग पर मौजूद
इसरो द्वारा इजराइली के जिस उपग्रह को प्रक्षेपित किया गया उसका नाम दुचीफात-3 है जो कि एक शैक्षणिक उपग्रह है। यह इजराइल के हर्जलिया विज्ञान केंद्र और शार हनेगेव हाईस्कूल के तीन विद्यार्थियों की कोशिश का सफल परिणाम है। इसका भार महज 2.3 किलोग्राम है। इस पर लगे कैमरा के प्रयोग से अर्थ इमेजिंग की जाएगी। इसके अलावा यह उपग्रह रेडियो ट्रांसपोंडर वायु और जल प्रदूषण पर शोध कार्यों और जंगलों पर निगरानी में भी सहायक होगा। प्रक्षेपण के समय उपग्रह बनाने वाले तीनों इजरायली छात्र सतीश धवन केंद्र में मौजूद थे।
श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित होने वाला 75वां रॉकेट
यह प्रक्षेपण कई कारणों से विशेष है। बता दें कि पीएसएलवी रॉकेट का यह 50वां प्रक्षेपण है और यह 75वां रॉकेट है जो कि श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया गया है। इसके साथ ही सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के फर्स्ट लॉन्च पैड से किया जाने वाला यह 37वां प्रक्षेपण है।