नई दिल्ली : बीसीसीआई अध्यक्ष के पद पर आसीन होने की खबर आने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली ने सोमवार को कहा कि अगर मैं अध्यक्ष बनता हूं तो मेरे लिए कुछ अच्छा करने का यह सुनहरा और शानदार मौका होगा। उन्होंने इस बात पर खुशी के साथ-साथ चिंता भी जताई है और इस बाबत उन्होंने कहा है कि मैं ऐसे समय में अध्यक्ष बनने जा रहा हूं जब बोर्ड की छवि खराब है। गौरतलब है कि अध्यक्ष पद के इस दौड़ में बृजेश पटेल को एक मजबूत दावेदार के रूप में माना जा रहा था जिसे पछाड़ते हुए गांगुली अकेले उम्मीदवार बन गए है।
दूसरी ओर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह को सचिव पद के लिए चुना जा सकता है। अगर सौरभ बोर्ड की कमान संभालते है तो उनका कार्यकाल सितंबर, 2020 तक होगा। बता दें कि गांगुली का नाम पद के लिए रविवार रात मुंबई में बीसीसीसीआई की बैठक में सामने आया। उन्होंने कहा कि अंतिम निर्णय के लिए दोपहर 3 बजे तक इंतजार करना होगा।
मेरी प्राथमिकता प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों की देखभाल
अध्यक्ष बनने से पहले गांगुली ने बताया कि मेरी प्राथमिकता प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों की देखभाल करना है। उन्होंने कहा कि ज्यादा जोर घरेलू क्रिकेटरों की सही ट्रेनिंग पर देना है। सारे पक्षों के भारतीय क्रिकेटरों को मिलाकर काम करना है। उन्हें वो सारे काम करने हैं जो पिछले 33 महीने में प्रशासकों की समिति नहीं कर पायी। बंगाल टाइगर ने कहा कि सभी से बात करके ही मैं कोई फैसला करुंगा। तीन साल से मैं सीओए को भी यही कहता आया हूं लेकिन मेरी बात पर गौर नहीं किया गया। अपनी योजना के बारे में उन्होंने बताया कि वह भारतीय क्रिकेट के हितकारों से भी मुलाकात करेंगे।
गृह मंत्री से भी मिले
मालूम हो कि सौरव ने गृह मंत्री अमित शाह से शनिवार को मुलाकात की थी। बंगाल में बीजेपी के लिए प्रचार करने पर गांगुली ने कहा कि उनसे इस बारे में किसी ने कुछ नहीं कहा है। बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष जगमोहन डालमिया की बात पर भावुक होने पर उन्होंने कहा कि वो मेरे पिता के समान है। उन्होंने कहा कि बीसीसीआई में काफी अच्छे अध्यक्ष जैसे एन. श्रीनिवासन, अनुराग ने बेहतरीन काम किया है।