नई दिल्ली : संसद की कैंटीन में मिलने वाली सब्सिडी को जल्द ही खत्म कर दिया जायेगा। संसद के सदस्यों ने सर्वसम्मति से यह फैसला किया है कि संसद कैंटीन में मिलने वाली सब्सिडी को वे छोड़ देंगे। दरअसल, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सब्सिडी खत्म करने की सलाह दी थी। गौरतलब है कि हर साल संसद की कैंटीन पर 17 करोड़ रुपये तक खर्च हो जाते हैं। ऐसे में अगर कैंटीन की सब्सिडी खत्म हो जाती है तो काफी धनराशि बच जायेगी। जिसे किसी अन्य कार्य में लगाया जा सकेगा।
सब्सिडी को पूरी तरह से खत्म करने की तैयारी
लोकसभा स्पीकर के सुझाव के बाद व्यापार सलाहकार समिति ने इस मुद्दे पर चर्चा की। अगर यह सब्सिडी खत्म होती है तो सालाना 17 करोड़ रुपये की बचत होगी। बता दें कि साल 2017 में लोकसभा की कैंटीन के कीमतों में बढ़ोत्तरी की गई थी। साथ ही सब्सिडी को कम कर दिया गया था। लेकिन अब सरकार ने जो कदम उठाया है उसमें सब्सिडी को पूरी तरह से खत्म करने की तैयारी है।
सोशल मीडिया पर सब्सिडी खत्म करने की हुई थी मांग
संसद की कैंटीन दर का मुद्दा हमेशा से ही सुर्खियों में रहा है। सोशल मीडिया में तो समय-समय पर इसकी रेट लिस्ट को लेकर बयानबाजी होती ही रहती है। हाल ही में लोगों ने सोशल मीडिया साइट्स पर पोस्ट कर संसद की कैंटीन की सब्सिडी को खत्म करने की मांग की थी। फिलहाल यह पता नहीं चल सका है कि यह फैसला कब से लागू होगा।
सस्ता भोजन के लिए दी गई करोड़ो रुपये की सब्सिडी
खबरों की मानें तो यह फैसला संसद के अगले सत्र से लागू हो सकता है। साल 2017 में जब खाद्य पदार्थों के रेट बढ़ाए गए थे तो उसके बाद दामों में मामूली बढ़ोत्तरी हुई थी। साल 2016-2017 में सांसदों को सस्ता भोजन मुहैया कराने पर 15 करोड़ 40 लाख 53 हजार 365 रुपये की सब्सिडी दी गई थी।