

मधु, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता: पटाखों और मिठाइयों का त्योहार दिवाली स्वास्थ्य के लिए चिंता का कारण बन गया है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, दिवाली के बाद अस्पतालों में मरीजों की संख्या 15-20% बढ़ गई है। पीयरलेस अस्पताल के इंफेक्शस डिसीज स्पेशलिस्ट डॉ. चंद्रमौली भट्टाचार्य ने बताया कि दिवाली पर काफी फायर क्रैकर्स जलाने के कारण हवा की गुणवत्ता खराब हुई है। इस कारण लोगों में सांस लेने में तकलीफ की समस्या बढ़ी है। अस्थमा समेत अन्य बीमारियों वाले लोगों को अधिक दिक्कत हुई। अस्पतालों में मरीजों की संख्या अभी से बढ़ने लगी है। दिवाली के बाद हवा थोड़ी ठीक होती है, लेकिन ठण्ड का मौसम आते ही फिर प्रदूषण अधिक होने लगता है जिससे मरीजों को समस्या होती है। टेक्नो इंडिया डामा अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. एमएस पुरकाइत के अनुसार, मरीजों में सांस लेने में तकलीफ समेत अन्य कई समस्याएं बढ़ी हैं।
मुख्य स्वास्थ्य समस्याएं :
श्वसन और हृदय रोग : अस्थमा, COPD और हृदय रोग से पीड़ित मरीजों में सांस लेने में तकलीफ बढ़ी।
आंख और त्वचा की समस्या: आंखों में जलन, छींक और खांसी जैसी शिकायतें आम रहीं।
जलने की चोटें: सुरक्षा उपायों की अनदेखी के कारण कई मरीज जलने की चोटों के साथ आए।
पाचन समस्याएं: तली हुई चीजें और घी वाले व्यंजनों के कारण पेट की शिकायतें बढ़ीं।
बुजुर्गों पर खतरा: वरिष्ठ नागरिक धुएँ और तेज आवाज के कारण चिंता, रक्तचाप बढ़ने और सांस की दिक्कत से प्रभावित हुए।
सलाह:
पटाखे जलाते समय मास्क पहनें और घर के अंदर रहने की कोशिश करें।
बुजुर्गों और बच्चों की विशेष देखभाल करें।
जलने से बचने के लिए कॉटन के कपड़े और बंद जूते पहनें।
तली और भारी चीजों से परहेज करें और संतुलित आहार लें।
दिवाली के जश्न में आनंद लेते समय स्वास्थ्य की सुरक्षा को नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है।