नई दिल्ली : सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गुरुवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम पर आरोप लगाया कि उन्होंने अदालत की जमानत के शर्तों का उल्लंघन किया है। जावड़ेकर का कहना है कि चिदंबरम ने जमानत पर रिहा होने के अगले ही दिन अदालत के फैसले पर टिप्पणी कर शीर्ष न्यायालय के आदेश का उल्लंघन किया है। साथ ही उन्होंने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से हुए बातचीत के दौरान बताया कि ‘शीर्ष न्यायालय ने चिदंबरम को जमानत देते हुए कहा था कि वह विचाराधीन मामले के बारे में कोई सार्वजनिक बयान नहीं देंगे,लेकिन चिदंबरम ने गुरुवार को यह बयान दिया कि बतौर मंत्री उनका रिकॉर्ड बिल्कुल साफ है।’
चिदंबरम ने अदालत की शर्तों का किया उल्लंघन
जावड़ेकर ने कहा कि ‘चिदंबरम के खिलाफ यही तो आरोप है कि उन्होंने मंत्री पद पर अपना कर्तव्य निभाते हुए भ्रष्टाचार किया, उनके खिलाफ यही तो मुकदमा है। चिदंबरम खुद ही निर्दोष होने का प्रमाणपत्र दे रहे हैं और ऐसा करना अदालत की शर्तों का उल्लंघन है।’ साथ ही जावड़ेकर ने चिदंबरम के जम्मू कश्मीर में आजादी नहीं होने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘आजादी तो वर्ष 1975 में नहीं थी जब देश में प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म करके सेंसरशिप लाया था। आज जम्मू कश्मीर में समाचार पत्रों का प्रकाशन और समाचार चैनलों का प्रसारण नियमित रूप से हो रहा है।’
चिदंबरम के समय में कश्मीर जल रहा था
जावड़ेकर ने गृह मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल का हवाला देते हुए कहा कि उनके समय में कश्मीर जल रहा था। आज कश्मीर विकास के रास्ते पर है। चिदंबरम ने अर्थव्यवस्था को बदहाली के दौर में बताया जिस पर जावड़ेकर ने उनसे सवाल करते हुए कहा कि ‘मैं एक ही बात पूछता हूं कि आपके समय में ऊंची मंहगाई दर पर धीमी आर्थिक वृद्धि दर वाली अर्थव्यवस्था थी। 10 फीसदी से ज्यादा मंहगाई दर और 5-6 प्रतिशत वृद्धि दर थी। अब मंहगाई पिछले 5 वर्ष में 4 फीसदी रही है, बाढ़ और असामयिक वर्षा के कारण प्याज का संकट तात्कालिक है।’