
मंगलुरु : एशिया की सबसे बड़ी कॉफी एस्टेट कंपनी कैफे कॉफी डे (सीसीडी) के मालिक और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा के दामाद 60 वर्षीय वीजी सिद्धार्थ का शव बुधवार सुबह मेंगलुरु की नेत्रावती नदी से मिला। वे सोमवार से लापता थे। इस संबंध में मेंगलुरु के विधायक यूटी खादर का कहना है कि वीजी सिद्धार्थ के रिश्तेदारों और दोस्तों ने शव की पहचान की है। मालूम हो कि सिद्धार्थ सोमवार के लापता होने की सूचना मिलने के बाद पुलिस सरगर्मी से उनकी तलाश कर रही थी। पुलिस ने उनके नदी में कूद कर आत्महत्या करने का अंदेशा भी जाहिर किया था। सोमवार रात उनकी तलाश के लिए 25 तैराकों समेत 200 लोग जुटे थे। उनको खोजने को चलाए गए अभियान में कोस्ट गार्ड के जहाज आईसीजीएस राजदूत और एसीवी (एच-198) को भी लगाया गया था।
आत्मसम्मान नहीं खोना चाहिए – महिंद्रा
वीजी सिद्धार्थ की मौत की खबर सामने आने के बाद महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी के चेयरमैन आनंद महिंद्रा कहा कि मैं उन्हें नहीं जानता हूं। मुझे उनके फाइनेंशियल हालातों के बारे में भी जानकारी नहीं है। फिर भी मैं केवल इतना कहूंगा कि कारोबार में नाकामी के कारण बिजनेसमैन को आत्मसम्मान नहीं खोना चाहिए।
संदिग्ध परिस्थितियों में गायब हो गए थे
सिद्धार्थ बेंगलुरु के मंगलौर से संदिग्ध परिस्थितियों में गायब हो गए थे। उनके ड्राइवर के मुताबिक वह शाम 6.30 बजे गाड़ी से उतरने के बाद वापस ही नहीं आए। पुलिस को शक था कि सिद्धार्थ ने नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली है। इसी आधार पर पुलिस ने खोज अभियान शुरू कर किया था। उनका मोबाइल भी लगातार बंद आ रहा था।
वित्तीय लेन – देन के लिए मैं जिम्मेदार हूं
घटना की जानकारी मिलने के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा, पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी, कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार और बीएल शंकर ने एसएम कृष्णा के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की थी। इसी बीच सिद्धार्थ की 27 जुलाई को कंपनी के नाम लिखी एक चिट्ठी सामने आई थी जिसमें उन्होंने कंपनी को हो रहे नुकसान और भारी कर्ज की बात का जिक्र किया है। बोर्ड ऑफ डिरेक्टर्स और सीसीडी फैमिली को लिखे गए इस पत्र में उन्होंने आयकर विभाग के एक पूर्व डीजी के दबाव की भी बात की है। बताया जा रहा है कि कैफे कॉफी डे के उपर 7000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज था। उन्होंने लिखा है कि वित्तीय लेन – देन के लिए मैं जिम्मेदार हूं और मेरी टीम, ऑडिटर्स और सीनियर मैनेजमेंट को इसके बारे में कुछ नहीं पता है। बता दें कि इस खबर के बाद बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर सीसीडी के शेयर 20 प्रतिशत तक गिर गये और यह 52 हफ्ते के सबसे निचले स्तर 154.05 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहा है।
हालात के सामने झुक चुका हूं
वीजी सिद्धार्थ ने पत्र में लिखा है कि 37 साल बाद वह अपनी तमाम कोशिशों के बाद भी एक सफल व्यवसायी नहीं बन सके और एक फायदे वाला बिजनेस मॉडल बनाने में नाकाम रहे। उन्होंने आगे लिखा है कि में उन सभी से मांफी मांगता हूं जिन्होंने ने मुझ पर भरोसा किया। मैंने अाप सब को ठेस पहुंचायी है। काफी लंबे समय तक लड़ने के बाद मैं आज हार मानता हूं। एक प्राइवेट इक्विटी लेंडर पानर्टर के दबाव को मैं नहीं झेल पर रहा हूं। वह पानर्टर मुझे शेयर वापस खरीदने के लिए जिद कर रहा है और इससे संबंधित आधा लेन देन मैंने 6 महीने पहले एक दोस्त से बड़ी रकम उधार लेने के बाद समाप्त कर चुका हूं। इसके साथ ही दूसरे लेंडर का भी दबाव लगातार बना हुआ है और इसी कारण से अब मैं हालात के सामने झुक चुका हूं।
पूर्व डीजी पर प्रताड़ना का आरोप
अपने खत में सिद्धार्थ ने आयकर विभाग के एक पूर्व डीजी पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा है कि उन्होंने कहा है कि पूर्व डीजी ने माइंडट्री की डील रोकने के लिए दो बार हमारे शेयर अटैच किए थे और फिर बाद में कॉफी डे के शेयर भी अटैच कर दिए थे। यह गलत था जिसकी वजह से हमारे सामने नकदी का संकट आ गया है। उन्होंने पत्र में कंपनी की संपत्तियों और उनकी संभावित वैल्यू की लिस्ट भी दी है। सिद्धार्थ ने लिखा है कि हमारी संपत्तियां हमारी देनदारियों से ज्यादा हैं और इनसे सभी का बकाया चुका सकते हैं।
ड्राइवर ने बताया यह हुआ था
ड्राइवर के मुताबिक दोपहर 12.30 बजे वे दोनाें सक्लेश्पुर जा रहे थे लेकिन अचानक उन्होंने अपने चालक से मंगलुरु चलने को कहा। दक्षिण कन्नड़ जिले के कोटेपुरा इलाके में नेत्रवती नदी पर बने पुल के पास वह कार से उतर गए और उन्होंने चालक से कहा कि वह टहलने जा रहे हैं। जब 90 मिनट तक वह नहीं लौटे तब ड्राइवर ने सिद्धार्थ के बेटे को इस बात की सूचना दी और शिकायत दर्ज करवाई।
आखिरी बार सीएफओ से बात की थी
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार सिद्धार्थ ने आखिरी बार अपनी कंपनी के चीफ फाइनेंस ऑफिसर (सीएफओ) से 56 सेकेंड के लिए बात की थी। इसी दौरान उन्होंने अपने सीएफओ को कंपनी का ख्याल रखने के लिए कहा। सीएफओ से फोन पर बात करते वक्त वो काफी निराश थे जिसके बाद उन्होंने अपना फोन स्विच ऑफ कर दिया।
बता दें कि पुलिस ने बताया था कि 200 से अधिक पुलिसकर्मी और गोताखोर 25 नौकाओं के जरिए उनकी तलाश कर रहे हैं। खोजी कुत्तों की भी मदद ली जा रही है। मंगलुरु के पुलिस आयुक्त संदीप पाटिल ने कहा था कि तलाश में स्थानीय मछुआरों की भी मदद ली जा रही है। हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्होंने किस-किससे फोन पर बात की थी।