
श्रीनगर : भारतीय सेना ने शनिवार को घुसपैठ की कोशिश कर रहे पाकिस्तान के बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) के आतंकियों या सैनिकों को मार गिराया था। अब सेना ने पेशकश की है कि यदि पाक सेना अपने बैट कर्मियों के शव ले जाना चाहती है तो ले जा सकती है। सेना ने कहा कि पाक सेना सफेद झंडा लेकर नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर आए और बैट कर्मियों के शव ले जाएं। भारतीय सेना के इस प्रस्ताव का हालांकि पाक फौज ने कोई जवाब नहीं दिया है। मालूम हो कि बैट में आम तौर पर पाकिस्तानी सेना के विशेष बलों जवान और आतंकी शामिल होते हैं।
सैटेलाइट तस्वीरें भी ली गईं
दरअसल, बैट आतंकी लगातार भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे। सेना ने कार्रवाई को अंजाम देने के बाद शनिवार शाम को कहा कि पिछले 36 घंटों में कई बार आतंकियों ने केरन सेक्टर में एलओसी को पार कर घुसपैठ की कोशिश की। इसकेे जानकारी मिलने के बाद जवाबी कार्रवाई की गई और मुठभेड़ के दौरान 5 से 7 बैट आतंकी मारे गए। मारे गए आतंकियों की सैटेलाइट तस्वीरें भी ली गईं। फिलहाल इन आतंकियों के शव नियंत्रण रेखा के पास ही पड़े हैं।
बारामूला में भी ढेर किए दो आतंकी
मालूम हो कि पुलवामा हमले के बाद तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू कश्मीर से आतंकियों के सफाए के लिए सेना को फ्री हैंड दे दिया था। इसके बाद से सेना लगातार घाटी में आतंकियों को चुन-चुन कर मार रही है। इस वजह से पिछले कुछ महीनों से घुसपैठ में कमी भी आई है। वहीं भारतीय सेना से मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान सेना बदले की भावना से फिर बड़े हमले को अंजाम देने की फिराक में है। हालांकि सेना के अलर्ट पर रहने के कारण उसके मंसूबे पूरे नहीं हो पा रहे हैं। सेना ने खुफिया सूूचना के आधार पर शनिवार को बारामूला में कार्रवाई करते हुए मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकियों को भी ढेर कर दिया था। बता दें कि खुफिया एजेंसियों ने गुलाम कश्मीर में जैश आतंकियों के सक्रिय होने की खबर दी थी। साथ ही बताया था कि वहां 15 आतंकी घुसपैठ की कोशिश में तैयार बैठे हैं।
बड़े हमले को अंजाम देने की फिराक में
खुफिया रिपोर्ट की मानें तो गुलाम कश्मीर में जैश के आतंकियों को पाकिस्तान का विशेष सुरक्षा गार्ड(एसएसजी) का कमांडो दस्ता पूरी तरह से समर्थन दे रहा है। साथ ही पाक सैनिकों और आतंकियों के गठजोड़ से बनी बैट को पाक सेना भारतीय सीमा में घुसपैठ कराने के लिए अभियान चला रही है। खुफिया रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जैश के आतंकी कश्मीर में किसी बड़े हमले को अंजाम देने की फिराक में हैं। इसके लिए उसने गुलाम कश्मीर (पीओके) में अपने प्रशिक्षण शिविरों को फिर से सक्रिय कर दिया है।
सी-17 ग्लोबमास्टर तैनात
बता दें कि गत दिनों भारतीय सेना ने अमरनाथ यात्रा मार्ग से पाक निर्मित बारूदी सुरंग बरामद किया था। साथ ही आतंकी ठिकाने से एक विदेशी अत्याधुनिक राइफल भी बरामद की गई थी। आतंकियों हमले की खुफिया जानकारी मिलने के बाद सरकार ने शुक्रवार को अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को जल्द वापस लौटने की सलाह दी थी। वहीं आपात स्थिति में तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को वहां से निकालने के लिए एयरफोर्स ने अपने सबसे बड़े विमान सी-17 ग्लोबमास्टर तैनात कर दिया है। यह विमान यात्रियों को कश्मीर से एयरलिफ्ट करेगी।
बड़ी मात्रा में हथियार और गोला बारूद
जम्मू कश्मीर में कुछ बड़ा होने की अफवाह भी आशंका में बदलती जा रही है क्योंकि पिछले दिनों मोदी सरकार ने वहां सुरक्षाबलों की 100 कंपनियों यानि 10 हजार जवानों की तैनाती का फैसला लिया है। सोशल मीडिया पर भी इन अफवाहों का बाजार गर्म है कि सरकार जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 35ए को हटाना चाहती है। खुफिया विभाग का कहना है कि इन खबरों के कारण ही जैश के आतंकियों ने हमले के षडयंत्र का तानाबाना बुना है। खुफिया विभाग का यह भी कहना है कि बड़े हमले को अंजाम देने के लिए घाटी में बड़ी मात्रा में हथियार और गोला बारूद भेजे गए हैं।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने हाल ही में कश्मीर का दौरा करने के बाद केंद्र सरकार को रिपोर्ट सौंपी थी। इस रिपोर्ट के बाद ही सरकार ने राज्य में 10 हजार सैनिकों को तैनात करने का निर्णय लिया था। सरकारी सूत्र का दावा है कि अनुच्छेद 35ए हटाने के बाद राज्य के हालात बिगड़ने की स्थिति को संभालने के लिए जवानों को कश्मीर में तैनात किया गया है।