मुंबई : महाराष्ट्र में एक महीना की उठापटक के बाद अब जाकर शिवसेना को सत्ता संभलाने का मौका मिला,इसके बाद उसे तुरंत एक बड़ा झटका भी लगा है। मुंबई के धारावी में बुधवार को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान शिवसेना के करीब 400 कार्यकर्ताओं ने पार्टी छोड़ दी। साथ ही वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। बताया जा रहा है कि इन कार्यकर्ताओं के पार्टी छोड़ने की मुखय वजह शिवसेना का कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाना है।
विधानसभा चुनाव में शिवसेना और भाजपा का था गठबंधन
बता दें कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव शिवसेना और भाजपा ने गठबंधन के तहत लड़ा था लेकिन 24 अक्टूबर को नतीजे आने के बाद शिवसेना मुख्यमंत्री पद के लिए अड़ गई। 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 105 सीटों पर जीत दर्ज की वहीं सहयोगी शिवसेना को 56 सीटें मिली। इसके अलावा एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली।
50-50 फॉर्मूल पर अड़ी शिवसेना
चुनाव नतीजों में भाजपा-शिवसेना गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिला था, लेकिन शिवसेना 50-50 फॉर्मूल पर अड़ गई। इस दौरान शिवसेना ने भाजपा पर यह आरोप लगाया था कि उसने चुनाव से पहले शिवसेना को ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद देने का वादा किया था और अब नतीजे आने के बाद वह अपने वादे से मुकर गई। वहीं भाजपा का कहना था कि उसने शिवसेना से ऐसा कोई वादा नहीं किया।
कांग्रेस तथा एनसीपी के साथ मिलाकर बनायी सरकार
मुख्यमंत्री पद को लेकर दोनों दलों में काफी समय तक बातचीत होते रही, लेकिन इसका हल नहीं हो सका। इसके बाद अंत में शिवसेना ने भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ लिया और कांग्रेस तथा एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली। बता दें कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली इस सरकार में एनसीपी और कांग्रेस के अलावा शिवसेना के 2-2 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है।