नई दिल्ली : देश में जहां एक तरफ महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियां एड़ी-चोटी का दम लगा रही हैं, वहीं दूसरी ओर बीसीसीआई के अध्यक्ष पद का मुद्दा भी चर्चा में है। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने नए निर्विरोध अध्यक्ष के रुप में चुना गया है। गांगुली के अध्यक्ष बनने को राजनीति से जोड़ा जा रहा है जिसे गृह मंत्री और भाजपा अध्यक्ष ने गलत करार देते हुए कहा है कि हमारे और सौरव के बीच कोई डील नहीं हुई। उन्होंने कहा कि गांगुली के अध्यक्ष बनने से हमारा कोई संबंध नहीं है। अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए बीसीसीआई की अपनी प्रक्रिया है। हमने गांगुली को अध्यक्ष नहीं बनाया है।
कोई बातचीत नहीं हुई
गृह मंत्री ने कहा कि हमारे और गांगुली के बीच कोई बातचीत नहीं हुई है। बीसीसीआई का अध्यक्ष कौन बनेगा इसका निर्णय मैंने नहीं किया। अपनी और गांगुली की मुलाकात पर बात करते हुए शाह ने कहा कि मुझे उनसे मिलने में कोई दिक्कत नहीं है। मेरा क्रिकेट से पुराना नाता है। वह मुझसे कभी भी मिलने आ सकते हैं। गांगुली को अध्यक्ष बोर्ड के नियमों के तहत बनाया गया है और हमारी पार्टी का इससे कोई लेना-देना नहीं है।
अगर सौरव बीजेपी में आए तो उनका स्वागत है
मालूम हो कि मीडिया में अटकलें चल रही है कि बीजेपी और गांगुली के बीच बंगाल चुनाव को लेकर कोई डील हुई है। गांगुली का बंगाल में बीजेपी का प्रतिनिधित्व करने की खबरों को गलत बताते हुए शाह ने कहा कि यह सौरव के खिलाफ साजिश है। हमने बंगाल में बिना किसी चेहरे के ही लोकसभा में 18 सीटें जीती थी। पर इसका यह अर्थ यह नहीं है कि हमें नए चेहरे की आवश्यकता नहीं है। हम बिना किसी एक के बगैर भी चुनाव जीत सकते हैं। न तो हमने उन्हें पार्टी में शामिल होने के लिए कहा है और न ही उन्होंने मना किया है। अगर सौरव भाजपा में शामिल होना चाहते है,तो हम उनका स्वागत करते हैं।